सभी धर्मों के लोगों का अलग-अलग वेशभूषा और रहन-सहन का तरीका होता है. आप जानते ही हैं इस दुनिया में हर धर्म के लोग हैं जो अपने धर्म का अनुसरण करते हैं. ऐसे बहुत सारे धर्म है और हर धर्म के अपने कुछ ना कुछ रीति-रिवाज है. उसी में एक मुस्लिम धर्म होता है जिसके अपने अलग ही कुछ रिवाज हैं. ये बहुत ही सख्त होते हैं जो सभी को मानना ही होता है.जैसे मुस्लिम महिलाओं का बुर्का पहनना. तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि महिलयीन बुर्का क्यों पहनती हैं.
वैसे कई व्यक्ति नहीं जानते कि इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनना क्यों पड़ता है. ये मुस्लिम धर्म के लोग तो जानते हैं लेकिन दूसरे धर्म के लोगों ने ये सवाल बना हुआ रहता है कि ऐसा क्यों होता है. तो आज हम आपको बताने वाले हैं, की आखिर मुस्लिम महिलाए बुर्का क्यो पहनती है. बता दें, इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ कुरान है. इस्लाम धर्म के समस्त रीती-रिवाज इसी पाक किताब कुरान पर आधारित है. कुरान में इस्लाम धर्म के लोगों के रहन-सहन, वेशभूषा और खान-पान के नियमों का सम्पूर्ण उल्लेख है.
बता दें, इसी कुरान में बताया गया है की मुस्लिम महिलाओं को कैसे कपड़े पहनने चाहिए? कुरान के अनुसार मुस्लिम महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जिसमें उनकी आंखें, चेहरा, उनके हाथ-पैर किसी अनजान आदमी को ना दिखाई दे, इसलिए मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर अपना सारा शरीर ढक लेती है. वैसे भी आजकल बुरका पहनने का स्टाइल भी काफी चल चुका है और महिलाओं के लिए कई तरह के बुर्के मिल जाते हैं. लेकिनं इसके नियम इसकी अहमियतता कुछ अलग ही है.