देश के जानेमाने इतिहासकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआइ प्रशासकों (सीओए) की टीम में चुने गए रामचंद्र गुहा के इस्तीफे की चिट्ठी सामने आ गई है। गुहा ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर गुरुवार को ही सीओए प्रमुख विनोद राय को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफे में गुहा ने सात विभिन्न मुद्दों पर अपनी असहमति या नाराजगी जाहिर की है। गुहा की नाराजगी, बीसीसीआइ और सीओए दोनों के कामकाज के तरीकों से है।

इन नाराजगियों की एक वजह टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली और हेड कोच अनिल कुंबले के बीच तनातनी भी है। इसके अलावा गुहा ने अपने खत में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी, सुनील गावस्कर और राहुल द्रविड़ को भी अपने निशाने पर लिया है। यही नहीं, गुहा ने सीओए को भी अपने काम में असफल करार दिया है।
गुहा ने धौनी के भारत की टेस्ट टीम में न होने के बावजूद उनको सालाना करार में ‘ए’ ग्रेड पर रखे जाने पर अपनी आपत्ति जाहिर की है। अभी तक सामने आ रही खबरों के मुताबिक गुहा ने सीओए प्रमुख विनोद राय को लिखे लेटर में कहा है कि भारतीय क्रिकेट स्टार खिलाड़ियों को जरूरत से ज्यादा मान-सम्मान देने की स्थिति से यहां क्रिकेट का स्तर गिरता जा रहा है और भविष्य में इसके और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा है कि इसी वजह से भारतीय टीम का कॉन्ट्रैक्ट भी प्रभावित होता है।
गुहा ने शिकायत की है कि बीसीसीआइ केवल नामी क्रिकेटरों को महत्ता देता है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रीय टीम के कोच आइपीएल के लिए असली काम को नजरअंदाज कर रहे हैं। आपको बता दें कि आइपीएल की एक टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच राहुल द्रविड़ इस वक्त इंडिया ‘ए’ और इंडिया की जूनियर टीम के कोच भी हैं। वहीं, गुहा ने बीसीसीआइ के कॉन्ट्रैक्ट पर बतौर कॉमेंटेटर काम कर रहे सुनील गावस्कर के प्लेयर मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख होने पर भी सवाल उठाए हैं।
इन सब शिकायतों के अलावा गुहा ने टीम इंडिया के हेड कोच को लेकर जारी विवाद से भी अपनी निराशा जाहिर की है। उन्होंने इस मुद्दे को हल करने में बीसीसीआइ द्वारा अपनाए गए अव्यवहारिक रवैए की भी आलोचना की है। गुहा ने कहा है कि कुंबले के शानदार रिकॉर्ड के बावजूद उनके कॉन्ट्रैक्ट का आगे नहीं बढ़ाया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सीओए पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह घरेलू क्रिकेटरों की उपेक्षा करता है, क्योंकि घेरलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों की मैच फीस में बड़ा अंतर होता है। यही नहीं, गुहा ने यह भी कहा है कि लोढ़ा पैनल द्वारा अयोग्य करार दिए गए अधिकारी अब भी बीसीसीआई की मीटिंग में हिस्सा लेते हैं।
देखना होगा कि गुहा के इन सवालों को लेकर बीसीसीआइ और सीओए अपने रवैये में कोई बदलाव लाता है या टीम का संचालन पुराने ढर्रे पर ही होता रहता है। वैसे इन दिनों टीम इंडिया इंग्लैंड में आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा ले रही है और इस उठापटक से उसके मनोबल पर असर भी पड़ सकता है।
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