कोविड-19 में सुरक्षित होली कैसे मना सकते है जानिए खास ये बातें

साल 2020 में आई महामारी कोरोना विकराल रूप के साथ अभी भी मौजूद है। एक दूजे को छूने से फैलने वाला यह रोग होली के पर्व को संकट में डाल रहा है…. इस पर्व पर तो सबसे मिलने की बात होती है सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं, अभी हाथ मिलाने से भी परहेज है पर यह पर्व तो गले मिलने का संदेश देता है ऐसे में सवाल यह कि क्या करें होली पर कि त्योहार भी मन जाए, हम सुरक्षित भी रहें, शहर भी स्वच्छ रहे और सेहत भी बनी रहे….
इस बार होली 29 मार्च 2021 को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को है।
अपनी और अपनों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए होली खेली जा सकती है लेकिन कैसे…. आइए जानते हैं….
बाहर किसी होली पार्टी में शरीक होने की बजाय इस साल घर पर ही अपने परिजनों के साथ होली खेलें। होली खेलते वक्त अपने तरीकों में थोड़ा बदलाव लाना बहुत जरूरी है ताकि हम सुरक्षित होली खेल सकें।
जानिए किन नए तरीकों के साथ इस वर्ष आप होली खेल सकते हैं।
ऑनलाइन होली
सबसे पहली बात तो यह कि होली के रंगों से बचें, मन के रंगों से होली खेलें…. कोरोना से यह जीवन बचा रहा तो सारे रंग हमें मिलते ही रहेंगे…. हम यह कर सकते हैं कि गूगल मीट, स्काइप, ज़ूम जैसी कई ऑनलाइन सुविधाएं हैं हमारे पास… हम अपने पूरे परिवार को एक तय समय पर जोड़ें। एक जैसे रंगों के कपड़े पहनें या फिर फनी फैंसी ड्रेस के साथ शामिल हों। जैसे ही सब जुड़ें एक साथ बुरा न मानो होली है की आवाज करें…. मन से एकदम बच्चे बन जाएं….कोई एक एंकरिंग की जिम्मेदारी लें और घर के बुजुर्गों से ठिठोली की शुरुआत करें। आप यह भी कर सकते हैं कि शादीशुदा लोगों से उनकी शादी वाली पहली होली के मजेदार किस्से याद करने को कहें….
यह भी संभव है कि सब कोई फनी कविता , शेरो शायरी और चुटकुले सुनाएं… एक और मजेदार आईडिया है कि परिवार के सभी सदस्यों की आदतों और व्यवहार से मिलते जुलते टाइटल बनाएं और फनी अंदाज में सुनाएं…. लेकिन ध्यान रहे कि उपहास और परिहास में बहुत बारीक अंतर होता है… गरिमा का ध्यान रखें.. यह मस्ती मजाक का त्योहार है…

इस पर्व पर रिश्ते मजबूत किए जाते हैं इसलिए ताने उलाहने से रिश्तों की डोर को कमजोर करने से बचें। सब लोग रंगों को लेकर बैठें और वर्चुअली सुरक्षित होली मनाएं….

ऑनलाइन कविता
होली मस्ती, मजाक और ठिठोली का दिन है तो क्यों न हास्य कविताओं को जुटाएं और सब एक से बढ़कर एक हास्य
कविताएं सुनाएं…. चाहें तो शहर को कवियों की सूची बनाएं, ऑनलाइन आमंत्रित करें और उन्हें अपना फैमेली प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएं। यह भी एक अभिनव प्रयोग होगा…
अगर खेलने का मन है तो

अगर फिर भी आपका मन कहता है कि होली तो खेलना ही चाहिए तो फिर आपके लिए मार्केट में ग्लव्स और रंग प्रूफ-वॉटर प्रूफ स्पेशल ड्रेस आ गई है। यहां तक कि होली के फनी मास्क भी तैयार हो गए हैं… रंग से एलर्जी तो होती ही है, ऐसा करने से नाक या मुंह तक किसी का भी हाथ या रंंग नहीं पहुंच पाएगा। ना त्वचा की परेशानी, ना सांस की दिक्कत ना ही किसी तरह की एलर्जी…

बुजुर्गों को सिर्फ तिलक

कोरोनाकाल में बुजुर्गों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कई बुजुर्ग ऐसे ही जिनका टीकाकरण चल रहा है, कुछ को तो 1 ही डोज लगा है अभी इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। यदि आपका अपने दादा-दादी, नाना-नानी आदि के साथ होली खेलने का बहुत मन है तो आप उन्हें होली के सूखे रंग से ग्लव्स पहनकर सिर्फ तिलक लगाएं। चरण स्पर्श करके आप कुछ रंग उनको पांव पर भी लगा सकते हैं लेकिन नाक-मुंह आदि तक हाथ न ही लगाएं तो बेहतर रहेगा।
रंग-बिरंगे कपड़े

हर बार होली पर सफेद कपड़े पहनकर रंग खेलना ट्रेंडिंग होता है लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए आप कुछ अलग कर सकते हैं। घर के सभी सदस्य एक-एक रंग तय कर लें और उसे होली पर पहनें। कोशिश करें कि होली के रंग जैसे ही लाल, पीले, हरे, नीले आदि रंगों के प्लेन कपड़े पहनें। फिर आप चाहें तो डांस आदि करके होली को यादगार बना सकते हैं।
सुरीले फाग गीत
फाग गीत, भजन, लोकगीत हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यू-ट्यूब आदि पर आपको एक से बढ़कर एक गीत मिल जाएंगे या फिर बड़े-बुजुर्ग ही कुछ गीत आपको बता देंगे। उन्हें सीखने का प्रयास करें और होली पर फिर ढोलक आदि लेकर इन गीतों को गाएं, परिवार के साथ इन पर झूमें और ठंडाई आदि का आनंद लें। आप कोई शहर की मंडली से भी संपर्क कर सकते हैं जो आपको ऑनलाइन भक्ति मस्ती भरे फिल्मी गाने या अन्य कोई सुरीले फाग गीत सुना दे…
अगली होली बेशक आप रंगों में भीगकर मनाएं पर इस बार तो कोरोना को भगाएं… तन की नहीं मन की होली रचाएं, खूब हंसें गुनगुनाएं..

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