कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। कुछ देशों में कोविड-19 के मामले फिर से सामने आने के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर ने रविवार को जानकारी दी कि दिल्ली आईजीआई में पहले दिन 110 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की गई। जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर की संस्थापक डॉ गौरी अग्रवाल ने बताया, “औसतन, लगभग 25,000 यात्री आईजीआई एयरपोर्ट पर आते हैं, जिनमें से 500 यात्रियों का परीक्षण किया जा रहा है। पहले दिन के अंत तक जेनस्ट्रिंग्स ने लगभग 110 परीक्षण किए थे।”
बता दें कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ मिलकर नए दिशा-निर्देशों और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी इंतजाम समय पर किए हैं। टर्मिनल के अंदर यात्रियों की वेटिंग समय के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए महामारी की पिछली लहरों के दौरान भी इसी तरह की व्यवस्था की गई थी।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक की जरूरत नहीं : विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान कोविड परिदृश्य को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक या लाकडाउन की अभी जरूरत नहीं है। कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए मजबूत निगरानी की आवश्यकता है। कोविड के नए सिरे से फैलने की संभावना नहीं है। भारत में लोगों में ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ है। टीकाकरण के बाद प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ गई है।
एम्स के पूर्व निदेशक डा.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोविड मामलों में वृद्धि नहीं हुई है। मौजूदा परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रतिबंधित करने या लाकडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभव बताते हैं कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध लगाना प्रभावी नहीं है।
डाटा से पता चलता है कि ओमिक्रोन का सब-वैरिएंट बीएफ-7 जो चीन में संक्रमण बढ़ा रहा है, हमारे देश में पहले ही पाया जा चुका है। देश में टीकाकरण से लोगों की प्रतिरक्षण क्षमता बढ़ी है और वायरस का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सफदरजंग अस्पताल में फेफड़े और क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर डा. नीरज गुप्ता ने कहा कि भारत को चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है लेकिन लाकडाउन लगाने जैसी स्थिति नहीं है।