सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने शुक्रवार को तिमाही नतीजों का एलान किया है। इस तिमाही कंपनी का उच्च बिक्री के कारण नेट प्रॉफिट में 12.5 फीसदी की बढ़त के साथ 6,799.77 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनी का नेट प्रॉफिट एक साल पहले की अवधि में 6,043.55 करोड़ रुपये था।
वहीं, जुलाई-सितंबर अवधि में इसकी समेकित बिक्री एक साल पहले के 27,538.59 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,978.01 करोड़ रुपये हो गई। हालाँकि, कंपनी का कुल खर्च चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 9.3 प्रतिशत बढ़कर 26,000.05 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 23,770.12 करोड़ रुपये था।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट (एफएसए) श्रेणी के तहत प्रति टन कोयले की औसत प्राप्ति 1,541.75 रुपये थी।
अंतरिम लाभांश की हुई घोषणा
कोल इंडिया बोर्ड ने वित्तीय वर्ष के लिए 15.25 रुपये प्रति शेयर का पहला अंतरिम लाभांश घोषित किया। पीएसयू, जिसका घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है, ने समीक्षाधीन तिमाही में 157.426 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जबकि एक साल पहले की तिमाही में यह 139.228 मीट्रिक टन था।
सितंबर तिमाही में कंपनी का कच्चे कोयले का उठाव बढ़कर 173.731 मीट्रिक टन हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 154.533 मीट्रिक टन था। कोल इंडिया लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष के लिए 780 मीट्रिक टन का उत्पादन और उठाव लक्ष्य निर्धारित किया है।
शुक्रवार को कोल इंडिया के स्टॉक 0.35 अंक की बढ़त के साथ 323.90 रुपय प्रति शेयर पर बंद हुए हैं।