विशेषज्ञ भी कह चुके हैं फिलहाल लंबे समय तक कोरोना कहीं नहीं जाने वाला। हां, देश में इसका असर भले घट सकता है। ऐसे में जिंदगी कोरोना के साथ चलने की चुनौती स्वीकारनी होगी। कारखानों व कार्यालयों में इस चुनौती के साथ काम हो भी रहा है मगर, विद्यालयों में क्या होगा? यह सवाल कायम है मगर, स्कूल खुलने पर सुरक्षा के क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं, इसकी तलाश अलग-अलग तरीकों के रूप में सामने आ रही है। शारीरिक दूरी के पालन बच्चे बिना चूक के कर सकें, इसके लिए ऐसा स्मार्ट बैग तैयार हो गया है जो दो गज दूरी जरूरी की नसीहत याद दिलाता रहेगा। दूरी कम हुई न कि बैग में लगाई गई सेंसर प्रणाली अलार्म से सतर्क करेगी।
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में 10वीं के छात्रों ओजस्वी अग्निहोत्री और प्रह्लाद सिंह गौर ने यह स्मार्ट बैग तैयार किया है, जो तीन से चार फीट की दूरी का मानक टूटते ही उस बच्चे को चौकन्ना कर देगा जो यह बैग लिए हुए है। इन छात्रों की मदद करने वाले अटल लैब के इंचार्ज और बीएनएसडी में रसायन विज्ञान के शिक्षक अवनीश मेहरोत्रा ने बताया कि यह बैग प्राथमिक स्तर से लेकर 12वीं तक के बच्चे उपयोग कर सकेंगे।
ऐसे शारीरिक दूरी का पालन कराएगा
शिक्षक अवनीश ने बताया कि बैग में अल्ट्रासोनिक सेंसर, आड्रिनो यूनो द्वारा प्रोग्रामिंग की गई है। नौ वोल्ट की एक बैट्री लगी है जो सोलर पैनल की मदद से सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देगी। इससे बैग में मेन पावर सप्लाई आएगी। जैसे ही कोई दूसरा बच्चा (जो बैग नहीं लिए है) तीन से चार फीट से समीप आएगा तो बैग में लगा अलार्म बजर के रूप में बजेगा। यह डिवाइस पूरी तरह से सुरक्षित है। अवनीश ने बताया कि लैब में 30 बच्चों में परीक्षण किया। एक बच्चे को यह बैग दिया गया, फिर जैसे-जैसे दूसरे बच्चे पास आए तो बैग में लगा अलार्म बजने लगा। अवनीश इस बैग के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार को भी भेजेंगे।