इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की मौत का स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा संसद में जिक्र नहीं करने पर आपत्ति जताते हुए इस संक्रमण से जान गंवाने वाले 382 डॉक्टरों की बुधवार को सूची प्रकाशित की और उन्हें ‘शहीद’ का दर्जा दिए जाने की मांग की।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक बयान में कहा था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल राज्यों के अधीन आते हैं और इसलिए केंद्र के पास बीमा मुआवजा का डाटा उपलब्ध नहीं है। उनके इस बयान पर आइएमए ने कहा कि यह हमारे लोगों के लिए खड़े होने वाले राष्ट्रीय नायकों को त्यागने और कर्तव्य से पीछे हटने के समान है।
एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 16 सितंबर को आइएमए के पास उपलब्ध कोविड-19 आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी से अब तक 2,238 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं और उनमें से 382 की मौत हो चुकी है। आइएमए ने कहा कि किसी भी देश में कोरोना संक्रमण से इतने डॉक्टरों की जान नहीं गई, जितने डॉक्टरों की भारत में गई है। एसोसिएशन ने कहा कि अगर सरकार कोरोना से संक्रमित होने और जान गंवाने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के आंकड़ें नहीं रखती, तो उसे महामारी अधिनियम, 1897 और आपदा प्रबंधन कानून लागू करने का नैतिक अधिकार नहीं है।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है और कुल संक्रमितों की संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है। हालांकि, देश में रिकवरी रेट भी लगातार बढ़ रहा है और लोग तेजी से ठीक हो रहे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। गडकरी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। हालांकि, एक आशा की किरण भी जागी है। भारत को इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद जग गई है। रूस भारत को कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक देगा। इसके लिए रूस सरकार समर्थित आरडीआइएफ और भारत की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के बीच करार हुआ है।