कोरोना संक्रमण की वजह से किडनी के एक तिहाई मरीजों को नहीं मिला इलाज

दिल्ली के एम्स व गंगाराम अस्पताल सहित देशभर के 15 शहरों के 19 अस्पतालों में एक सर्वे में यह बात समाने आई है कि कोविड-19 की वजह से किडनी के इलाज के लिए पहले से पंजीकृत करीब एक तिहाई मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया। दिल्ली के एम्स, आरएमएल व सफदरजंग अस्पताल में बीते पांच माह में एक भी किडनी प्रत्यारोपण नहीं हुआ है। हालांकि, निजी अस्पतालों में डॉक्टर किडनी प्रत्यारोपण किया जा रहा है, लेकिन यह बेहद सीमित संख्या में हो रहा है। 2517 मरीजों पर किए गए इस सर्वे में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान 28.2 फीसद मरीजों का एक या एक से ज्यादा बार डायलिसिस नहीं हो पाया। गंभीर हालत में इमरजेंसी में पहुंचे 2.74 फीसद मरीजों का डायलिसिस नहीं हो पाया। वहीं 4.13 फीसद मरीजों ने डायलिसिस के लिए रिपोर्ट करना बंद कर दिया। वहीं 0.34 फीसद (नौ) मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो गई।

वहीं, कोविड-19 के चलते अस्पतालों में किडनी के मरीजों का दाखिला 61 फीसद कम हो गया। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में लाखों लोग किडनी की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। ऐसे में इलाज प्रभावित होने के कारण मौत के मामले अधिक हो सकते हैं।

एम्स में किडनी प्रत्यारोपण के इंतजार में करीब 100 मरीज

एम्स के नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल में दूसरे राज्यों से मरीज इलाज के लिए अधिक पहुंचते हैं। अभी आवागमन की परेशानी है। ओपीडी सेवा भी सामान्य नहीं है। एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर कोरोना के मरीजों के इलाज में व्यस्त हैं। इन तमाम कारणों से किडनी प्रत्यारोपण मार्च के मध्य से बंद हैं। 13 या 14 मार्च को अंतिम किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण के लिए करीब 100 मरीज पंजीकृत हैं। मार्च के बाद से नए मरीजों को अभी प्रतीक्षा सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि एम्स में किडनी प्रत्यारोपण के लिए एक साल का प्रतीक्षा समय है। सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में किडनी प्रत्यारोपण शुरू होगा, जबकि सामान्य दिनों में एम्स में हर सप्ताह दो से तीन किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी होती है।

आरएमएल की प्रतीक्षा सूची में दर्ज 30 मरीजों का पता नहीं

आरएमएल अस्पताल के नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु महापात्रा ने कहा कि अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण के लिए 50 मरीज प्रतीक्षा सूची में शामिल थे। लॉकडाउन के बाद से 30 मरीजों का पता नहीं चल पा रहा है। अभी 20 मरीज नियमित डायलिसिस पर हैं। एक-दो माह में किडनी प्रत्यारोपण शुरू किया जाएगा।गंगाराम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. एके भल्ला ने कहा कि अभी महीने में तीन से चार किडनी प्रत्यारोपण किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी मरीजों को कोरोना से सचेत रहने की जरूरत है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com