कोरोना संकट काल में BCCI खिलाड़ियों की प्रैक्टिस सेशन के लिए अगस्त-सितंबर विंडो की तलाश कर रही

25 मार्च से लगातार 31 मई तक जारी रहने के बाद भारत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बीच लोगों को राहत देनी शुरू कर दी है। 1 जून से तमाम सेक्टरों को राहत दी गई है, जबकि आने वाली 8 जून से भी कई क्षेत्रों में राहत मिलेगी।

हालात सामान्य नहीं होने के बावजूद सरकार ने देश को अनलॉक करना शुरू कर दिया है। ऐसे में क्रिकेट भी शुरू हो सकती है, लेकिन भारत में अभी ये मुश्किल है।

यहां तक कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने भी हाल-फिलहाल में प्रैक्टिस करने के लिए खिलाड़ियों को अनुमति नहीं देने का फैसला किया है।

हालांकि, बीसीसीआइ खिलाड़ियों की प्रैक्टिस सेशन के लिए अगस्त-सितंबर विंडो की तलाश कर रही है, क्योंकि अभी मुंबई जैसे शहर बुरी तरह से कोरोना से प्रभावित हैं। बीसीसीआइ बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी एनसीए में भी ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर सकती है।

 बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा है कि बोर्ड मानसून के बाद खिलाड़ियों को एक साथ लाने पर विचार कर रहा था, ताकि उन्हें कुछ समय घर के अंदर बिताकर क्रिकेट एक्शन में वापस आने के लिए तैयार किया जा सके।
उधर, टीम के मध्य क्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल ने स्वीकार किया था कि मैदान पर लौटने के साथ-साथ उनको शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा।

अधिकारी ने कहा है, “मानसून के समाप्त होते ही तैयार होना। अगस्त-सितंबर की विंडो के आसपास होना चाहिए कि हम खिलाड़ियों को एक साथ मिलेंगे और उनके खेल पर काम करेंगे और उन्हें जोन में वापस लाएंगे।

आपको यह समझना होगा कि एक मांसपेशी मेमोरी है जिसे ट्यूनिंग की आवश्यकता है और ये लोग सभी पेशेवर हैं। इसलिए, यह शारीरिक पहलू की तुलना में मानसिक पहलू के बारे में अधिक होगा, क्योंकि वे पहले से ही लॉकडाउन के दौरान भी अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं।”

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