जोमेटो के बाद स्विगी ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला कर लिया है। घर पर खाना डिलिवरी करने वाली इस कंपनी को भी कोरोना वायरस की मार झेलनी पड़ी है।

कंपनी ने करीब 1100 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से उनके कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक स्विगी मुख्यालय समेत देशभर के कार्यालयों से कर्मचारियों की संख्या में कमी करेगा। कंपनी के सीईओ व सह संस्थापक हर्ष मजेटी ने एक ईमेल के जरिए छंटनी की जानकारी दी।
श्रीहर्ष मजेटी ने कहा, ‘आज स्विगी के लिए सबसे दुखद दिन है क्योंकि हमें कर्मचारियों की दुर्भाग्यपूर्ण छंटनी के दौर से गुजरना है।’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने कंपनी को तोड़कर रख दिया है और अभी भी सिर्फ अनिश्चितता बनी हुई है।
इस वजह से उसे मजबूरन आगे के लिए कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं। हमें अपनी लागत कम करनी है और आगे की अनिश्चितताओं को देखते हुए किसी भी जोखिम से बचना है।
अगले 18 महीने के दौरान व्यवसाय में उथल-पुथल की आशंका के चलते कंपनी अपने कारोबार का स्तर कम रही है। साथ ही जुड़े हुए अन्य कारोबार बंद कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘सभी प्रभावित कर्मचारियों को 3-3 महीने का वेतन दिया जाएगा। नोटिस पीरियड के अलावा भी हम अपने कर्मचारियों को एक-एक महीने का अतिरिक्त वेतन देंगे।
साथ ही कर्मचारी अपने लैपटॉप को अपने साथ रख सकेंगे और अगले तीन महीने तक उनके मोबाइल का बिल भी कंपनी भरेगी।’
कंपनी के इस कदम की सबसे बुरी मार उसके ‘खुद की रसोइयों’ (क्लाउड किचन) पर पड़ी है। क्लाउड किचन ऐसी रसोइयां होती हैं, जहां ऑनलाइन ऑर्डर के आधार पर खाना बनाकर ऑनलाइन माध्यम से ही डिलीवर कर दिया जाता है।
इन रसोइयों का खुद का कोई रेस्तरां इत्यादि नहीं होता। उन्होंने कहा कि चूंकि इस संकट ने हमारे मुख्य व्यवसाय को गंभर रूप से प्रभावित किया है।
इसमें कोई शक नहीं है कि हम अब भारत में ई-वाणिज्य और होम डिलीवरी में प्रवेश करने के मोड़ पर हैं। यह हमें किराने और अन्य सेवा उत्पादों को जारी रखने के अवसर देता है, जिसके बारे में हमें लगता है कि हम आगे भी अच्छा प्रदर्शन जारी रख सकेंगे।
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