कोरोना संकट काल: अब भारतीय स्टेट बैंक अपने 30 हजार कर्मचारीयो को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देगा

भारतीय स्टेट बैंक अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की तैयारी कर रहा है. देश के इस सबसे बड़े बैंक से करीब 30 हजार कर्मचारी एक झटके में बाहर हो सकते हैं. बैंक कर्मचारियों के लिए एक बड़ी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लाने की तैयारी कर रहा है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस योजना से 30190 कर्मचारी बैंक से बाहर हो सकते हैं. वीआरएस के लिए एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है. इस प्रस्तावित वीआरएस का नाम सेकेंड इनिंग टैप वीआरएस 2020 है. इससे पहले वर्ष 2001 में एसबीआई ने वीआरएस की पेशकश की थी.

एसबीआई के कुल कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2020 तक 2.49 लाख थी, जबकि मार्च 2019 तक यह संख्या 2.57 लाख थी. प्रस्तावित ड्रॉफ्ट के मुताबिक, कुल 11565 अधिकारी और 18625 कर्मचारी वीआरएस स्कीम के लिए पात्र होंगे.

बैंक का कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है. इससे दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी. इसमें कहा गया कि यदि योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 फीसदी भी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत एसबीआई को करीब 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी.

सूत्रों के मुताबिक, एसबीआई की वीआरएस योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे. यह योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी. यानी इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे.

जिन कर्मचारियों की वीआरएस का आवेदन स्वीकार किया जाएगा उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट तारीख तक बची हुई सेवा अवधि के लिए वेतन का 50 फीसदी एक्स ग्रेशिया के रूप में मिलेगा.  इसके अलावा अन्य फायदे जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और मेडिकल बेनिफिट्स भी मिलेंगे.

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