पूरी दुनिया कोरोना वायरस का इलाज खोजने में लगी हुई है। वैक्सीन तैयार होने की स्थिति में वैश्विक स्तर पर उसके वितरण के लिए 150 देशों ने एक योजना पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें 70 अमीर देश भी शामिल हैं। वैक्सीन संगठन गवी ने कहा कि जिन 165 देशों ने रुचि व्यक्त की है, वे दुनिया की लगभग 60 फीसद आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Vaccine) खरीदने के लिए 2 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य गया है।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक वैक्सीन संगठन गवी अमीर देशों को अपने कोरोना वायरस वैक्सीन की आपूर्ति को सुदृढ़ करने की अनुमति दे सकती है। गवी ने पिछले महीने वैक्सीन दान देने वाले देशों से संपर्क किया, तो उसने अमीर देशों के लिए एक बीमा पॉलिसी के रूप में योजना को प्रचारित किया। ये देश पहले से ही कोरोना वायरस के टीकों के लिए दवा निर्माताओं के साथ सौदे कर रहे हैं।
गवी ने सरकारों को बताया कि जब भी हमारे संगठन देशों में से किसी के भी द्वारा कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई जाएगी, सभी देशों को अपनी 20 फीसद आबादी को कवर करने के लिए पर्याप्त खुराक दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि देशों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि जिनको खुराक की ज्यादा आवश्यकता न हो, वो दुसरे देशों की मदद करें।
गवी के सीईओ सेथ बर्कले ने एक बयान में कहा कि दर्जनों टीकों पर शोध किया जा रहा है। इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। वैक्सीन के आने से पहले ही अरबों खुराक का आर्डर दिया जा चुका है। वहीं, आलोचकों का कहना है कि अमीर देशों को गेवी के माध्यम से और भी अधिक टीके खरीदने का मौका देना गलत है।