चीन की एक सरकारी दवा कंपनी दो संभावित कोरोना वैक्सीन की एक अरब खुराक सप्लाई करने के लिए उत्पादन इकाइयां स्थापित कर रही है। कंपनी के चेयरमैन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सिनोफार्मा समूह के चेयरमैन लिउ जिंगझेन ने कहा कि वैक्सीन के लिए आखिरी चरण का परीक्षण अंतिम पड़ाव पर है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि परीक्षण के नतीजे कब तक आएंगे। इन दोनों वैक्सीन के लिए 10 देशों में 50 हजार से अधिक लोगों पर परीक्षण किया जा रहा है।ADVERTISING
चीन जल्द से जल्द वैक्सीन लाना चाहता है। उसके यहां चार वैक्सीन पर परीक्षण अंतिम चरण में है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन कोरोना वैक्सीन पहले तैयार में सफल होता है तो भी उसे अमेरिका, यूरोप और जापान में सख्त मानकों से गुजरना होगा। इसलिए ज्यादा संभावना है कि उसकी वैक्सीन की सप्लाई दूसरे विकासशील देशों में ही हो सकती है।
ताइवान ने भारत के साथ बढ़ाई नजदीकियां
वहीं अब इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी में चीन पर निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करने के मकसद से भारत ताइवान के साथ व्यापार समझौता कर सकता है। इस दिशा में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय योजनाएं बना रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान भी भारत के साथ व्यापारिक समझौते में रुचि दिखा रहा है। चीन से ताइवान के तल्ख संबंध की वजह से ताइवान इन दिनों भारत के नजदीक आ रहा। बता दें कि पिछले महीने ताइवान की कंपनियों के साथ वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बैठक भी की थी।
ताइवान चीन से नहीं डरेगा
इसके साथ ही ताइवान ने कहा है कि वह चीन के दादागीरी दिखाने वाले अधिकारियों से नहीं डरेगा और हर साल दुनिया भर में अपना नेशनल डे मनाना जारी रखेगा। चीन के राजनयिकों पर फिजी में कार्यक्रम को राजनयिक बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाने के बाद ताइवान सरकार ने मंगलवार को यह कहा। ताइवान की ओर से लगाए गए आरोपों में मारपीट के दौरान घायल एक ताइवानी राजनयिक की अस्पताल में मौत भी शामिल है। चीन ने इस आरोप का खंडन किया है।
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