कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन इसके लिए कुछ सावधानियां बरती होंगी। फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजी, स्लीप एंड क्रिटिकल केयर डॉ. अमित कुमार मंडल ने शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, अभी जो आवश्यक है वह केयर है। वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टर 2019-सीओवी, नामक वायरस का अध्ययन करने पर काम कर रहे हैं। हालांकि, कोई वैक्सीन नहीं है जो कोरोना वायरस का इलाज कर सकती है।
डॉ. मंडल ने कहा कि, द कोरोनवीरस कई तरह के वायरस की एक पूरी फैमिली है। जो मुख्य रूप से स्तनधारियों और मनुष्यों के श्वसन मार्ग (सांस नली) को लक्षित करता है। यह मिडिल ईस्ट रेस्परेट्री सिंड्रोम (एमईआरएस-सीओवी) और स्वीयर एकुट रेस्परेट्री सिंड्रोम (एसएआरएस-सीओवी) जैसे अधिक गंभीर बीमारियों जैसे गले में खराश, जुकाम, फ्लू, और बुखार जैसे सरल से उपचार किए जाने वाले रोगों के माध्यम से भी प्रसार कर सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, रेस्परेट्री डिस्ट्रेस, खांसी, सूखी खांसी, पेट संबंधी समस्याएं, दस्त, और तेज बुखार आदि लक्षण इस वायरस की चपेट में आने के संकेत हैं। डॉ. मंडल ने कहा कि एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, किडनी फेल होने और यहां तक कि मौत होने की अवस्था तक पहुंच जाने के काफी गंभीर मामलों में निमोनिया डायग्नोस किया जा सकता है।
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