जिला व ब्लाक मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक हाट- बाजारों पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के भय से तीन माह पहले प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। आम लोगों को हो रही परेशानी व अर्थतंत्र संवारने के लिए अब लॉकडाउन के नियमों का पालन करते बाजार लगाने की इजाजत दी गई है। वहीं कोरोना से भयभीत ग्रामीण देवी- देवताओं की शरण में पहुंचे हैं। बाजार खोलने से पहले वे पूजा-पाठ कर इस बीमारी से बचाने की मन्नत मांग रहे हैं। ग्राम प्रमुख उनकी अनुमति लेकर ही हाट- बाजार शुरू कर रहे हैं।
जिले के ग्रामों में हाट- बाजारों का चलन फिर से लौट आया है। इनके शुरू होने से हजारों ग्रामीणों को जीविका मिल गई है। हाट बंद होने से आदिवासियों की पूरी अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी। स्थानीय बाजार बंद रहने से ग्रामीणों को वनोपज आदि बेचने में परेशानी हो रही थी। हाट बाजार स्थानीय अर्थव्यवस्था के मुख्य केंद्र हैं जहां ग्रामीण दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की खरीद- बिक्री करते हैं।
विपदा से बचने पूजा-पाठ
गुरुवार को जिले के बुनागांव के देवी मंदिर में काफी चहल-पहल रही। कोटवार पीला दास नाग व माता पुजारी पीतू राम ने बताया कि प्रत्येक गुरुवार को यहां साप्ताहिक बाजार लगता है। लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने तीन माह पहले इसे बंद करवा दिया था। अब बाजार शुरू करने कहा गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण का भय अब भी बना हुआ है।
शासन-प्रशासन ने छूट तो दे दी है लेकिन लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की शर्त के साथ। यह कहते हैं कि देवी- देवताओं में पूर्ण आस्था है इसलिए बाजार लगाने से पहले देवी मां के मंदिर में मन्नत मांग रहे हैं ताकि गांव में किसी भी प्रकार की विपदा न आए।