इटली में कोरोना वायरस के कारण 1000 से ज्यादा मौत और 15 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीजों के मामले सामने आने पर वहां की सरकार ने काफी सख्त कदम उठाए हैं। इस सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इटली में बिना कारण घर से बाहर निकलने पर 300 यूरो यानि लगभग 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है।
यह जानकारी खास बातचीत में ओलांग में रह रहे भारतीय नागरिक मगराज ने दी है। मगराज मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि इटली में कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने अत्यधिक सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। सभी को घर में ही रहने की हिदायत दी है।
उन्होंने कहा कि लोग केवल दूध, दवाई या सब्जी लेने ही बाहर निकल सकते हैं। इसके लिए भी लोगों को एक फॉर्म भरकर देना होगा, जिसमें कहां से आ या जा रहे हैं और क्यों किस काम से जा रहे हैं यह बताना होगा। अकारण घर से निकलने पर 300 यूरो यानि लगभग 25000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।
मगराज ने कहा कि इटली ने शुरूआत में कोरोना वायरस के फैलाव को उतनी गंभीरता से नहीं लिया। इसी का नतीजा है कि अब इस तरह की सख्ती बरतनी पड़ रही है। इसी के तहत बेवजह सड़कों पर घूमने पर लोगों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
मगराज ने कहा कि भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहां कोई फोन नहीं उठा रहा है। हम घर पर हैं, सरकार ने छुट्टी दी है, सैलरी भी देगी। लेकिन भारत सरकार ने जब से प्रमाण पत्र अनिवार्य किया है तब से जो वापस भारत लौटना चाहते हैं, उनको दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
क्योंकि जांच करने वाली लैब पर काफी दबाव है, इतने सारे मामले हैं कि उनके पास इस तरह के प्रमाण पत्र बनाने का समय ही नहीं है। यही वजह है कि लोग भारत नहीं लौट पा रहे हैं। हालांकि यहां बैंक, दुकानें सब खुली हैं और हालात जैसे बताए जा रहे हैं उतने बुरे नहीं हैं।
डॉट कॉम से बातचीत में इटली के मिलान में फंसे राजस्थान में जयपुर के रहने वाले और पेशे से बिजनेस कंसल्टेंट सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के फैलने से यहां हालात काफी खराब हैं। यहां की सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। लोग घरों में बंद हैं।
भारत के दूतावास का नंबर नॉट रीचेबल जा रहा है। लैब का बनाया हुआ कोरोना वायरस निगेटिव प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है, परंतु इसे कहां से कैसे आसानी से बनवा सकते हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इटली में जो भारतीय हैं वो सुरक्षित हैं। सुनील ने कहा कि भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण भारतीयों के संक्रमित होने के मामले कम हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने शुरूआती चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अब लोग अपने घरों में हैं।