दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन कोरोना के नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हर दिन कोरोना से हजारों की संख्या में मौतें हो रही हैं। इसके बाद भी कोरोना को लेकर नए-नए शोध हो रहे हैं, जो चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं।
बंगलूरू में एक नौ साल के बच्चे के मामले ने डॉक्टरों को चौंका दिया है। बंगलूरू के एस्टर सीएमआई अस्पताल में एक नौ साल का बच्चा भर्ती है, जिसे मल्टी-सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम है। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चे में यह लक्षण कोरोना से ठीक होने के 45 दिनों बाद दिखे हैं।
एस्टर अस्पताल के बाल विभाग कंसल्टेंट डॉ. श्रीकांता जेटी ने जानकारी दी कि उनके अस्पताल में कोविड-19 से ठीक के 30-45 दिनों के बाद एमआईएएस, कावासाकी डिसीज, टॉक्सिक शॉक लक्षण वाले बच्चे आ रहे हैं। एमआईएएस कोरोना वायरस के प्रति एक गहन इन्फ्लेमेटरी रिएक्शन है।
उन्होंने कहा कि यह अभी शोध का विषय है कि कोरोना से ठीक होने के 30.45 दिन बाद ये लक्षण क्यों दिखाई दे रहे हैं। इधर डॉ. सुप्रजा चंद्रशेखर का कहना है कि इन बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, चेहरा, आंखें व होंठ लाल, हाथ और पैरों में सूजन, पेट दर्द, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं।
वहीं मणिपाल अस्पताल के बाल विभाग के कंसल्टेंट डॉ. जगदीश का कहना है कि यह चिंता की बात है, बच्चों में इस तरह के पोस्ट-रिकवरी मामले कम हैं। अगर बच्चे बाहर जाकर मिलना-जुलना करते हैं तो ये मामले और बढ़ सकते हैं। ठीक ऐसा ही एक मामला यशवंतपुर के कोलंबिया एशिया रेफर अस्पताल में देखने को मिला।
यहां 12 साल की बच्ची के पेट और छाती में दर्द, बुखार, हाई इन्फ्लेमेटरी मार्कर और दिल से संबंधित परेशानियां दिखाई दीं। हालांकि डॉक्टर को यह कोरोना वायरस के लक्षण लगे लेकिन आरटी-पीसीआर में पुष्टि होने के बाद इलाज किया और एक सप्ताह बाद बच्ची को छूट्टी दे दी।