कोरोना के दौर में आयुर्वेद ने अपना परचम पूरी दुनिया में लहराया है केंद्र सरकार ने किया बड़ा एलान

कोरोना ने आयुर्वेद को दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में पहुंचा कर भारतीय चिकित्सा पद्धति का डंका बजवा दिया। आज हालात यह है कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद के चिकित्सकों से लेकर आयुर्वेदिक औषधियों और आयुर्वेद टेक्नोलॉजी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

सरकार ने पूरी दुनिया से मिल रहे आयुर्वेद के जबरदस्त रिस्पॉन्स को देखते हुए इस विधा से जुड़े हुए लोगों से आगे आकर अपने व्यवसाय को आयुर्वेद के माध्यम से बढ़ाने के लिए कहा है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए आगे आने वाले उद्यमियों के लिए सब्सिडी भी उपलब्ध कराने की बात कही है।

आयुष विभाग के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आयुर्वेद की पहुंच पूरी दुनिया में अब और ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में आयुर्वेद ने अपना परचम पूरी दुनिया में लहराया है। यही वजह है कि आयुष मंत्रालय इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ-साथ बेहतर जीविकोपार्जन के लिए लोगो को रोजगार मुहैया कराने वाले उद्यमियों को बढ़ावा दे रही है।

वैद्य राजेश ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक जो उद्यमी इस विधा के माध्यम से रोजगारपरक संस्थाएं और उद्योग लगाना चाहते हैं उन्हें सब्सिडी भी दी जाएगी।

आयुष मंत्रालय की योजना के मुताबिक जो लोग आयुर्वेदिक अस्पताल खोलना चाहते हैं या आयुर्वेदिक औषधि निर्माण में आगे आना चाहते हैं, उन्हें विशेष रियायत दी जाएंगी। आयुष मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद के चिकित्सकों और विशेष तौर पर भारतीय पुरातन चिकित्सा पद्धति के अस्पतालों की जबरदस्त मांग बढ़ी है। कोरोना काल में आयुर्वेदिक औषधियों की मांग सामान्य दिनों की तुलना में 63 फीसदी ज्यादा बढ़ी। जबकि उत्पादन 119 फीसदी ज्यादा किया गया।

आयुर्वेद की बढ़ती मांग को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के साउथ ईस्ट एशिया रीजन में आयुर्वेद के साथ मिलकर काम करने की तैयारी की है। इसके अलावा आयुष मंत्रालय की फ्रांस, जर्मनी, इस्राइल, अमेरिका और यूके के अलावा दुनिया के कई मुल्कों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बातचीत भी हुई है।

वैद्य राजेश कोटेचा कहते हैं कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद की डिमांड ज्यादा है, जबकि सप्लाई उस स्तर पर नहीं हो पा रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही पूरी दुनिया में आयुर्वेद को और ज्यादा प्रचारित प्रसारित करके इसकी पहुंच को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक किया जाएगा।

चूंकि मेडिकल साइंस एविडेंस बेस्ड विज्ञान है। इसलिए आयुर्वेद को भी एविडेंस बेस्ड साइंटिफिक रिसर्च के माध्यम से पूरी दुनिया में आगे बढ़ाया जाएगा। आयुष मंत्रालय में आईटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को ‘आयुर्टेक’ की तमाम तकनीकियों को डेवलप करने के लिए आगे आने को कहा है। जिससे आयुर्वेद को तकनीक के माध्यम से और आगे बढ़ाया जा सके।

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