भारत में कोरोना वायरस को पांव पसारे हुए लगभग 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है। लोगों को वायरस के बारे में लगातार समाचार और विज्ञापन के माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। लेकिन लोगों के अंदर अभी भी चिकित्सा स्थिति के बारे में आशंकाएं हैं, जिसकी वजह से कई लोग हड़बड़ी में गलत कदम उठा रहे हैं। कोरोना काल में आत्महत्या के कई मामले आ चुके हैं।
ताजा मामला हैदराबाद का है जहां एक व्यक्ति ने शनिवार को अपने अपार्टमेंट की इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर की, उसको संदेह था कि कहीं उसे कोरोनावायरस न हो गया हो। रमन्तापुर क्षेत्र में यह दुखद घटना घटी। एक 60 वषीर्य ने अपने अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी, जिसके कारण उसके सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला दर्ज कर लिया है।
वासिरजू कृष्ण मूर्ति के परिवार के अनुसार, वह पेट में गैस की समस्याओं से पीड़ित थे। चूंकि उसे संदेह था कि वह कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकता है, इसलिए उसने कुछ दिनों पहले सरकारी अस्पताल किंग कोटि से संपर्क किया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसे ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं।
वह निदान से संतुष्ट नहीं था, इसलिए परिवार के सदस्य स्क्रीनिंग के लिए उसे कोरोनावायरस के राज्य नोडल केंद्र, गांधी अस्पताल ले जाने वाले थे। शनिवार सुबह अस्पताल जाने के लिए तैयार होने के दौरान वह व्यक्ति अपने अपार्टमेंट की बालकनी से कूद गया।
तेलंगाना में कोरोना के कारण आत्महत्या की दूसरी घटना-
तेलंगाना में इस तरह की यह दूसरी घटना है। मार्च में सूर्यपेट जिले में एक व्यक्ति ने डर के कारण आत्महत्या कर की, क्योंकि, उसे डर था कि वह भी संक्रमित न हो जाए।
आंध्र प्रदेश में भी इस संदेह के कारण दो व्यक्तियों ने फरवरी-मार्च में आत्महत्या कर ली थी। पिछले महीने दिल्ली, बेंगलुरु और मेघालय के अस्पतालों में तीन कोरोनावायरस रोगियों ने आत्महत्या कर ली थी।
सरकारी स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य अधिकारियों ने लगातार लोगों को आश्वस्त किया है कि कोरोनोवायरस अन्य वायरल संक्रमणों के समान है और वास्तव में मृत्यु दर कम है।