आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने बीएमसी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से Covid -19 के उपचार के दावों को लेकर तीखे प्रश्न पूछे हैl उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी सहेली की मां के कोविड -19 के इलाज के दौरान का अनुभव भी शेयर किया हैl आलिया भट्ट की मां और अभिनेत्री सोनी राजदान सोशल मीडिया पर अपने विचारों को बेबाकी से कहने और अक्सर सामाजिक मुद्दों को संबोधित करते हुए सवाल उठाने के लिए जानी जाती हैं।
उन्होंने बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल के दावों को लेकर निशाना साधा हैं, इसमें दावा किया गया है कि मुंबई में कोरोना वायरस की स्थिति नियंत्रण में हैl सोनी ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और सीएम उद्धव ठाकरे को टैग करते हुए सवाल किया कि वे कैसे दावा कर सकते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है, जब अगर उन्हें पता है कि नागरिक कितने परेशानी में हैं।
सोनी ने अपनी सहेली की मां के COVID-19 उपचार के परिणाम और अनुभव को भी शेयर किया हैं। सोनी राजदान ने अपने ट्वीट में बताया कि कैसे उनकी दोस्त की मां को अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहा था, और गंभीर अवस्था में बिस्तर खोजने से पहले उन्हें 7 अस्पतालों में जाना पड़ा था। उन्होंने यह भी कहा कि हम तब तक नियंत्रण में नहीं रह सकते जब तक कि हर नागरिक को आसानी से बिस्तर और दवाई नहीं मिल जाती। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सहेली की मां को बिस्तर और दवाई के लिए बड़े पैमाने पर प्रयत्न करना पड़ा। उनके ट्वीट में लिखा था, ‘दोस्त की मां को गंभीर अवस्था में 7 अस्पतालों का दौरा करने के बाद बिस्तर मिल सका है। रेमेडिसविर उपलब्ध नहीं है। अस्पताल सरकार की दर से दोगुना वसूल रहे हैं। जब तक हर नागरिक को एक बिस्तर और दवाई आसानी से नहीं मिल जाती, कृपया तब तक हमें नहीं बताएं कि परिस्थिति नियंत्रण में हैं!’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बीएमसी के साथ-साथ सीएम उद्धव ठाकरे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, ‘यह सब बड़े पैमाने पर प्रयत्न करने के बाद हुआ है। अस्पतालों के साथ-साथ दवाओं के लिए भी मेहनत करनी पड़ रही हैं। आप कैसे दावा कर सकते हैं कि परिस्थिति नियंत्रण में हैं? क्या आप नहीं जानते कि नागरिकों पर क्या बीत रही हैं? @ mybmc @ uddhavthackeray @ CMOMaharashtra’ एक प्रशंसक द्वारा अस्पताल में प्रवेश पाने के बारे में अपना अनुभव बताने के बाद सोनी राजदान ने लिखा, ‘यह वास्तव में और बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। हमें यह एक महामारी होने का एहसास है और यह एक डेली की लड़ाई है। लेकिन तब तक कृपया यह दावा न करें कि जब तक की वास्तव चीजें बेहतर हों!’