कोरोना की मार के बाद देश की इकोनॉमी अब ट्रैक पर लौट रही है: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे आ चुके हैं. तीन दिनों तक चली इस बैठक में रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. रेपो रेट में बदलाव नहीं होने का मतलब ये हुआ कि आपको ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी.

– रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर स्थिर है.

— आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी अब भी कमजोर है. हालांकि, विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है.

— आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है.

— आरबीआई गवर्नर के मुताबिक कोरोना की मार के बाद देश की इकोनॉमी अब ट्रैक पर लौट रही है.

-इस बीच, शेयर बाजार में बढ़त बरकरार है. 12 बजे के बाद सेंसेक्स 200 अंक मजबूत और निफ्टी 11,150 अंक के आगे कारोबार करता दिखा.

कोरोना काल में रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समीक्षा की तीसरी बैठक थी. बता दें कि कोरोना संकट की वजह से दो बार समय से पहले बैठक हो चुकी है. पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में दूसरी बैठक हुई. इन दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की रेपो रेट में कुल मिला कर 1.15 फीसदी की कटौती की. बीते साल यानी फरवरी, 2019 के बाद रेपो रेट में 2.50 फीसदी की कटौती हो चुकी है.

एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने नये कर्ज पर ब्याज दर में प्रतिशत 0.72 अंक की कटौती की है. यह बताता है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती के जरिये तेजी से दिया गया. एसबीआई ने रेपो से संबद्ध खुदरा कर्ज पर ब्याज में 1.15 अंक की कटौती की है.

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