पंजाब में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया है। पंजाब में अब सभी दिन शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन रहेगा। बता दें कि पंजाब में इससे पहले ही धारा-144 लागू है।
पंजाब में विधानसभा सत्र से पहले कोरोना पॉजिटिव विधायकों की संख्या में इजाफा हो गया है। अब राज्य मे 29 विधायक कोरोना की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सभी विधायकों से अपील की है कि कोरोना पॉजिटिव विधायकों और मंत्रियों की संपर्क में आने वाले सदस्य कल एक दिवसीय विधानसभा सत्र भाग लेने से बचें।
पंजाब में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार कई तरह के उपाय अपना रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के डीजीपी दिनकर गुप्ता को कोरोना रोकने के लिए राज्य में मौजूदा दिशा-निर्देशों के मुताबिक शराब की दुकानों को शाम 6:30 बजे तक सख्ती से बंद कराने को कहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य में हफ्ते के सभी दिनों के दौरान रात सात बजे से सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगा दिया है। राज्य के सभी म्युनिसिपल शहरों में शराब के ठेके शाम 6.30 बजे तक खुले रखने का समय निर्धारित किया गया है।
आबकारी विभाग ने निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने पर शराब के 43 ठेकों का चालान किया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जालंधर में शराब के 10, मोहाली में 10, अमृतसर में 6, लुधियाना में 5, होशियारपुर और गुरदासपुर में 3-3, शहीद भगत सिंह नगर और पठानकोट में 2-2, पटियाला और बरनाला में 1-1 शराब के ठेके का चालान किया गया है।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में धारा-144 लागू कर दीी है। कहीं भी पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने और सभी सभाओं पर रोक है। विवाह और भोग समागमों (अंतिम संस्कार) में यह लागू नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 सितंबर तक पंजाब में मामलों के 64,000 तक पहुंचने का अनुमान है और 15 सितंबर तक यह संख्या एक लाख पार कर जाएगी। इसके अलावा विशेषज्ञों का अनुमान है कि 3 सितंबर तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 1500 तक पहुंच जाएगी। कैप्टन ने कहा, ‘हम पंजाब को अमेरिका जैसे हालात की तरफ नहीं जाने देंगे।
पंजाब विधानसभा के 28 अगस्त को बुलाए गए एक दिवसीय सत्र को लेकर विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य के तीन कैबिनेट मंत्रियों समेत कुल 29 विधायक कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इस परिस्थिति में सदन के सदस्यों का पांचवां हिस्सा कोरोना के कारण सत्र से गैरहाजिर रहेगा। इसके साथ ही पूरे विपक्ष के सदन से बाहर रहने का संवैधानिक संकट पैदा होने का खतरा भी बढ़ गया है।
117 सदस्यीय विधानसभा में बुधवार को तीन मंत्रियों समेत कांग्रेस के 14 विधायक, अकाली दल के छह विधायक और आम आदमी पार्टी के तीन विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अपने घरों में आइसोलेट हो गए हैं।