कोरोना काल में बदलता शहरवासियों का ट्रेंड, वीकेंड की शाम परिवार के नाम

कोरोना काल में भले ही बहुत कुछ बदल गया है। मगर कहते हैं, जिंदगी कभी रुकती नहीं है। एक तरफ लोग खुद को इस महामारी से बचाने की जिद्दोजहद में लगे हैं, तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मुश्किलों में भी जिंदगी के हर पल को आनंद के साथ जीना पसंद करते हैं। कुछ ऐसे ही जिंदादिल लोगों में शहर की वे महिलाएं भी शामिल हैं, जो किटी पार्टी जैसे तमाम आयोजनों में अपना टाइम पास करती थीं। मगर, कोरोना के चलते शहर में होने वाली किटी पार्टी जैसे भीड़भाड़ वाले आयोजनों की रौनक भी अब फीकी पड़ चुकी है। वहीं, वीकेंड पर लोगों का घूमना-फिरना भी कम  हो चुका है। ऐसे में, शहर का ट्रेंड भी बदलने लगा है। ज्यादातर महिलाएं ऑनलाइन एक्टिविटी व तंबोला गेम में टाइमपास कर रही हैं। इस दौरान उनका परिवार भी साथ होता है। इस बहाने मनोरंजन संग परिवार व दोस्तों का साथ भी मिल जाता है।

ऑनलाइन किटी पार्टी में दूर कर रही अकेलापन

मुरलीनगर निवासी अलका कहती हैं, मैं कई सालों से किटी पार्टी करती थी। मगर पिछले कुछ महीनों से कोरोना के चलते गैदरिंग बंद हो चुकी है। ऐसे में, अकेलापन महसूस होने लगा था। डिप्रेशन का शिकार भी होने लगी थी। मगर जब मेरी किटी की अन्य महिलाओं ने ऑनलाइन किटी का सुझाव दिया तो सुनकर बड़ा अच्छा लगा। लॉकडाउन से ग्रुप मेंबर ऑनलाइन किटी करके अपना समय बिता रहे हैं।

किटी की दोस्तों संग खेलती हूं तंबोला 

हुसैनगंज निवासी मीनाक्षी कहती है, मेरे दो छोटे बच्चे हैं। परिवार और बच्चों के बीच व्यस्त रहने के बावजूद भी महीने में एक-दो बार किटी पार्टी में  चली जाती थी। मेरी निजी राय है कि हम महिलाओं को अपने लिए भी थोड़ा समय निकालना चाहिए ताकि घर-गृहस्थी की टेंशन से निकलकर अपने लिए कुछ आनंद के पल बिता सकें। आजकल किटी फ्रेंड्स के साथ ऑनलाइन तंबोला खेल रही हूं।

वीकेंड पर मिल रहा परिवार का साथ

आलमबाग निवासी अंशु कहती हैं, कोरोना काल में बहुत से लोग घर से काम कर रहे हैं जिससे घर में ही दफ्तर जैसा माहौल बना हुआ है। ऐसे में, लोग परिवार व दोस्तों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। मेरी एक इवेंट प्लानर दोस्त ने लॉकडाउन में ऑनलाइन तंबोला गेम खिलाना शुरू किया। उस दौरान रोज शाम को हम इसमें खेलते थे। जब से अनलॉक हुआ तब से वीकेंड पर गेम्स खिलाए जाते हैं। छुटटी के दिन परिवार भी खेलता है। मनोरंजन के साथ परिवार का साथ भी मिल जाता है।

बदल रहा जिंदगी जीने का नजरिया

आशियाना निवासी सुनीता कहती हैं, घर से टिफिन सर्विस का काम करती हूं। जिसके चलते अपने लिए समय कम निकाल पाती हूं। मगर पहले महीने में एक बार किटी पार्टी जरूर करती थी। इस संकट काल में सब बंद होने से किटी भी बंद हो गई। मगर अब ट्रेंड फिर से बदल रहा है। लोगों का जिंदगी जीने का नजरिया भी बदल रहा है। किटी वाले दोस्तों ने अब ऑनलाइन किटी पार्टी शुरू कर दी है।

कम हो गया कोरोना का डर 

हजरतगंज निवासी प्रीति कहती हैं, मैं अपना बुटीक चलाती हूं। महीने में दो-तीन किटी करती थी। लॉकडाउन के दौरान सब बंद होने से काम के साथ  मनोरंजन पर भी रोक लग गई। मगर जब से ऑनलाइन किटी का ट्रेंड शुरू हुआ तब से कोरोना को लेकर भी थोड़ा डर कम हुआ है। महिलाएं अब फिर से जिंदगी में नयापन महसूस करने लगी हैं

हमेशा कुछ नया करने का क्रेज

इवेंट प्लानर सुरभि अग्रवाल कहती हैं, मैं  महिलाओं के लिए हमेशा कुछ नया इवेंट प्लान करती रहती थी। किटी के अलावा हर उम्र की महिलाओं के लिए तमाम मनोरंजक कार्यक्रम कराती थी। कोरोना काल में जब सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगी तो इवेंट कराने के लिए मेरे पास महिलाओं के फोन आने लगे। फिर मैंने सोचा कोरोना के साथ ही अब हम सबको जीने की आदत डालनी होगी। तो फिर क्यों न हम जिंदगी को अपनी तरह से जीना शुरू करें। बस लॉकडाउन से ऑनलाइन किटी पार्टी व तंबोला गेम कराने शुरू किए। अब महिलाओं को नॉर्मल किटी से ज्यादा ऑनलाइन किटी में मजा आने लगा है।

डांडिया व करवा चौथ इवेंट की चल रहीं तैयारियां 

इवेंट प्लानर कविता शुक्ला कहती हैं, मेरी किटी में करीब 14 महिलाएं हैं। कोरोना काल के दौरान बहुत कुछ बदल गया है। इस दौरान बहुत से त्योहार लोगों ने घरों में मनाएं। चैत्र के नवरात्र, सावन, रक्षा बंधन, तीज, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे तीज-त्योहारों को ऑनलाइन मनाए गए। महिलाएं वीडियो शूट के जरिए मेरे इवेंट में प्रतिभाग करती हैं। मैं तब से लगातार इवेंट करा रही हूं। महिलाओं को खूब पसंद आ रहा है। अब डांडिया और करवा चौथ इवेंट की तैयारियां कर रही हूं।

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