कोविड-19 महामारी के खत्म होने के बाद पूरी संभावना है कि क्रिकेट खाली स्टेडियम में खेला जाएगा, हालांकि इससे खिलाड़ियों के जज्बे पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यहा मानना है भारतीय कप्तान विराट कोहली का.
लेकिन उनका कहना है कि जादुई माहौल की निश्चित रूप से कमी खलेगी. दुनियाभर में क्रिकेट बोर्ड खाली स्टेडियम में खेल शुरू करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.
अटकलें ये भी चल रही हैं कि ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप को कराने के लिए दर्शकों को स्टेडियम से दूर रखा जा सकता है, क्योंकि इस समय वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण इसके आयोजन पर भी अनिश्चितता बनी हुई है.
कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, ‘यह संभव हो सकता है, शायद यही होगा. ईमानदारी से कहूं तो मैं नहीं जानता कि हर कोई इसे कैसे लेने वाला है क्योंकि हम सभी इतने सारे जुनूनी प्रशंसकों के सामने खेलने के आदी हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह बहुत ही अच्छे जज्बे से खेले जाएंगे, लेकिन दर्शकों के चीयर करने से खिलाड़ियों का जो उत्साह बढ़ता है, मैच के दौरान जो तनाव होता है जिसे स्टेडियम में बैठा हर कोई शख्स महसूस करता है, उन भावनाओं को ला पाना बहुत मुश्किल होगा.’
कोहली ने कहा कि मैदान पर कई लम्हे इसलिए हुए क्योंकि दर्शकों के उत्साह ने जुनून पैदा किया, उसकी कमी खलेगी. उन्होंने कहा, ‘चीजें चलती रहेंगी, लेकिन मुझे शक है कि वो कोई भी वो जादू महसूस कर पाएगा जो स्टेडियम के माहौल में बनता है.’
कोहली ने कहा, ‘हम क्रिकेट खेलेंगे जैसा यह खेला जाता है, लेकिन वो जादुई क्षण लाना मुश्किल होगा.’ बेन स्टोक्स, जेसन रॉय, जोस बटलर और पैट कमिंस जैसे खिलाड़ियों ने खाली स्टेडियम में खेलने के विचार का समर्थन किया था.
हालांकि महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एलेन बोर्डर ने कहा था कि दर्शकों के बिना विश्व कप की मेजबानी सही नहीं होगी. एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल और कुछ अन्य क्रिकेटरों का भी ऐसा ही मानना था.