प्रेम कोई सीमा नहीं जानता और राष्ट्रीयता या धर्म की परवाह किए बिना फलता-फूलता है। इस कहावत को चरितार्थ किया मंदसौर के सत्यार्थ मिश्रा ने। सत्यार्थ रविवार को चीनी लड़की जी हाओ के साथ शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।
शुक्रवार को इनकी हल्दी व मेहंदी की रस्म हुई। सगाई की रस्म में शामिल होने के लिए दुल्हन के माता-पिता चीन से 29 जनवरी को भारत पहुंचे। उनके साथ जी हाओ के तीन अन्य करीबी रिश्तेदार भी थे।इस जोड़ी को भारतीय धुनों पर खुशी से नाचते देखा गया। उन्होंने कहा कि इस पल का उन्हें बेसब्री से इंतजार था। विवाह का उत्साह उनके चेहरे पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था।
सत्यार्थ ने बताया कि, दोनों परिवारों ने सर्वसम्मति से सगाई करने का फैसला किया और आज भारतीय हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनकी शादी होगी। चीन में एक समारोह आयोजित करने का भी फैसला किया गया था, लेकिन फिलहाल कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण योजना को छोड़ दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि दोनों कैसे प्यार में पड़ गए, जी हाओ ने कहा कि भारत अच्छे लोगों के साथ एक अच्छा देश है, और साथ ही यहां का भोजन भी अच्छा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत को रंगीन और अद्भुत रूप में देखती हैं।
भारतीय संस्कृति के बारे में बात करते हुएजी हाओ ने कहा कि वह महसूस करती है कि भारत और चीन पारंपरिक संस्कृतियां हैं, इसलिए दोनों देशों में बहुत कुछ सामान्य, लेकिन कुछ चीजें अलग हैं।
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत रंगकर्मी वेद मिश्रा व महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत ज्योति नवहाल का इकलौता बेटा सत्यार्थ मॉस कम्यूनिकेशन की पढ़ाई करने शेरिडन विश्वविद्याल, कनाडा गया था।
इसी दौरान चीन के डिजियोंग शहर की निवासी जी हाओ डोरा भी उसी कॉलेज में पढ़ने आई। जी हाओ को भाषा की दिक्कत होने पर सत्यार्थ उसकी मदद करता था और यह मदद कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता नहीं चला। पढ़ाई पूरी करने के बाद सत्यार्थ कनाडा में ही सेटल हो गया। जी हाओ भी वहीं मेकअप आर्टिस्ट का काम कर रही है।