विश्व हाथी दिवस पर हाथी और मानव के बीच के संघर्ष पर विचार व्यक्त करते हुए वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने आपबीती भी सुनवाई। उन्होंने भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) में चंद दिन पहले की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कोटद्वार के पास तट गदेरा कॉरीडोर पर जब उनका सामना हाथी से हुआ तो उनके आगे चल रही पायलट कार के पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए। डर के मारे उनका चालक भी वाहन छोड़कर पीछे की तरफ भाग गया और खुद उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली थी।

वन मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि सामने हाथी आने पर पीछे मुड़ने की भी जगह नहीं थी, क्योंकि वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। ऐसे में पायलट कार के पुलिस कर्मियों और स्वयं उनके चालक के भाग खड़े होने पर उन्होंने भी खुद को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। जब उन्होंने भी आंखें बंद कर ली तो उसी समय हाथी उनकी कार की तरफ बढ़ा, हालांकि सीधे वाहन पर हमला करने की जगह वह कार के बगल के शीशे पर रगड़ लगाकर आगे बढ़ गया।
उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया और बाद में सभी पुलिस कर्मियों और चालक को फटकार भी लगाई। इस घटना के मद्देनजर वन मंत्री ने कहा कि हाथी और मानव के संघर्ष से चुनौतियां बढ़ रही हैं, मगर इसका हल दोनों की सुरक्षा करते हुए निकालना होगा।
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