कॉन्टेक्ट लेंस के प्रयोग से बढ़ रहा माइक्रो प्लास्टिक प्रदूषण का खतरा

बेकार फेंके गए कॉन्टेक्ट लेंस दुनिया भर के जलस्रोतों में माइक्रो प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बन सकते हैं। यहां इनका मनुष्य के भोजन में प्रयोग होने वाली चीजों में प्रवेश संभव है। यह बात शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद कही। शोध करने वालों में एक भारतीय भी शामिल थे। बता दें कि आमतौर पर लेंसों को एक महीने बाद या कई बार तो एक बार प्रयोग कर ही फेंक दिया जाता है। यहां से ये नाली के रास्ते जलशोधन संयत्रों का हिस्सा बन जाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जलशोधन संयत्रों में मौजूद रोगाणु प्लास्टिक बहुलकों के बंध को कमजोर कर कांटैक्ट लेंस की सतह को प्रभावित करते हैं।

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