देश भर के कई एटीएम में चल रही नगदी की कमी से जनता परेशान है, लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में कैशलेस एटीएम के इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, उनका कहना है कि इसका अंदेशा रिजर्व बैंक, फाइनेंस मिनिस्टर और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मार्च से थी.
गौरतलब है कि 9 मार्च को आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दिनेश कुमार ने बताया था कि राज्य के कुछ एटीएम में नगदी नहीं है, उन्होंने इस मामले में आरबीआई से उपयुक्त कदम उठाने की मांग भी की थी, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं किया गया और अब समूचा देश इस समस्या की चपेट में आ गया है. दिनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने इस सम्बन्ध में आरबीआई को लेटर भी लिखा था.
वहीं इस एटीएम के कैश क्रंच के बीच मुंबई के एक आरबीआई अधिकारी ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. यहां सवाल यह उठता है कि करीब 45 दिन पहले से जब आरबीआई को इस मामले की जानकारी थी तो फिर इस समस्या को हल करने के लिए कोई उपाय क्यों नहीं खोजा गया, साथ ही 2000 के नोटों की गुमशुदगी पर भी संदेह होता है. 2000 के नोट के बारे में राजस्थान एंटी-टेरर स्कवैड (ATS) ने एक हवाला मामले का खुलासा किया था, इस जांच टीम के सीनियर अधिकारी ने कहा कि 2000 रुपए का नोट सिस्टम से गायब होने के पीछे इलीगल नेटवर्क है
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