कैलास मानसरोवर पर चीन ने बनाई मिसाइल साइट, तैनात की डीएफ-21 मिसाइलें, निशाने पर भारत के शहर

भारत के खिलाफ साजिशें रचने से चीन बाज नहीं आ रहा है। ताजा सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने कैलास-मानसरोवर झील के पास मिसाइल साइट का निर्माण करके जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को तैनात किया है। दि इपोक टाइम्स की रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि मिसाइल का घटनाक्रम चीन की ओर से लगातार जारी उकसावे की रणनीति का अगला कदम है।

तनाव बढ़ने के आसार 

चीन के इस कदम से भारत के साथ उसके संबंध सीमा पर और भी तनावपूर्ण होने के पूरे आसार हैं। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस की सेटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, चीन ने कैलास-मानसरोवर के इलाके में न केवल अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाया है। बल्कि, वह मानसरोवर के पास एक मिसाइल साइट का निर्माण भी कर रहा है। चीन नहीं चाहता कि सीमा पर शांति हो।

2,200 किमी दूर तक कर सकती है मार 

रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी में रक्षा क्षेत्र विषय के प्रोफेसर गिरीशकांत पांडेय ने फोन पर इपोक टाइम्स को बताया कि कैलास-मानसरोवर में मिसाइल बेस बनाना चीन का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) का व्यापक सैन्यीकरण करने की नीति के तहत किया जा रहा है। कैलास-मानसरोवर के पास डीएफ-21 नाम की मिसाइल तैनात की गई है। यह मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल 2,200 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है।

मिसाइल की जद में नई दिल्ली भी 

बताया जाता है कि मिसाइल के दायरे में नई दिल्ली समेत उत्तर भारत के सभी प्रमुख शहर आते हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती का घर कहे जाने वाले पवित्र कैलास पर्वत और मानसरोवर झील हिंदुओं समेत चार धर्मों से जुड़े हुए हैं। भारत में इसका बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। तिब्बती बौद्ध इस पर्वत को राजा रिम्पोचे बुलाते हैं। वहीं जैन धर्म के लोग इसे अस्तपाड़ा पर्वत कहते हैं, जहां उनके 24 धर्म गुरुओं में से पहले को धार्मिक ज्ञान की प्राप्‍ती हुई थी।

चीन का इरादा हुआ उजागर 

पांडेय ने बताया कि भारत से लगी सीमा पर वर्ष 2006-2010 के बीच चीन ने 180 रणनीतिक परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें चार बड़ी हवाई पट्टियां, 14 छोटी हवाई पट्टियां और 17 रडार स्टेशन शामिल हैं। पांडेय ने बताया कि चीन इन मिसाइलों के जरिये भारत और हिंद महासागर को अपने निशाने पर लेना चाहता है।

चार नदियों के उद्गम स्थल पर बनाया बेस 

इसी तरह तिब्बत में बौद्ध धर्म से पहले के बोन धर्म की मान्यता के अनुसार ताई पर्वत पर आकाश की देवी सिपाईमेन का वास है। ऐसे पावन स्थल पर मिसाइलों की तैनाती चीन के तानाशाही रवैये का स्पष्ट उदाहरण है। चीन की यह मिसाइल साइट चार नदियों सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलुज और करनाली के उद्गम स्थल पर है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com