कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदीÓ समेत अन्य के खिलाफ एससी एसटी का मुकदमा चलेगा। शासन की ओर से मुकदमा वापसी की अर्जी दी थी जिसे एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. बालमुकुंद ने खारिज कर दिया। मामले की सुनवाई अब 18 मार्च को होगी।
मुकदमा वापस होने से लोकहित प्रभावित होगा
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मुकदमा वापस करने से न्याय का उद्देश्य पूर्ण नहीं होगा। कोर्ट ने अभियोजन के तर्क पर कहा कि मुकदमा वापस होने से लोकहित प्रभावित होगा। एफआइआर आम व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई है। मुट्ठीगंज थाने में तीन मई 2014 को वेंकटरमन शुक्ला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप है कि सांसद रेवती रमण सिंह की चुनावी सभा मुट्ठीगंज में चल रही थी। तब कांग्रेस प्रत्याशी रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थक कमल कुमार उर्फ लाला, पार्षद नीरज गुप्त, निजामुद्दीन, गुल्लू, सुधीर समेत अन्य ने लाठी-डंडा से हमला कर दिया। इसी दौरान जितेंद्र व जीतराज को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग भी किया गया। हमले में कई लोगों को चोटें भी आई थीं।
अब अधिवक्ता संघ के छह सदस्यों ने दिया इस्तीफा
अध्यक्ष और मंत्री के बीच चल रही तनातनी के कारण बिगड़े हालात से नाराज जिला अधिवक्ता संघ के छह सदस्यों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को कार्यकारिणी सदस्य पंकज तिवारी, विनोद दुबे, जितेंद्र तिवारी, वीरेंद्र कुमार पांडेय, अजय मिश्र उर्फ बाबा और विकास तिवारी ने अध्यक्ष व मंत्री को अपना इस्तीफा भेजा है। हालांकि अभी उनका त्यागपत्र मंजूर नहीं हुआ है। सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष व मंत्री के आपसी गतिरोध और उनके मनमाने रवैये से मेडिकल क्लेम, चैम्बर निर्माण जैसे कई कार्य अधिवक्ता हित में नहीं हो पा रहे हैं। सदस्यों को उपेक्षित करके आमसभा में निर्णय करने व लगातार हड़ताल से वह क्षुब्ध भी हैं। ऐसी स्थिति में वह अधिवक्ता हितों को पूरा करने में असमर्थ हैं और अपना इस्तीफा दे रहे हैं। तीन दिन पहले संघ की आमसभा में वर्तमान अध्यक्ष हरिसागर मिश्रा को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद मंत्री राकेश दुबे को भी बर्खास्त कर दिया गया। दोनों ने ही इस फैसले को गलत बताया था। अध्यक्ष व मंत्री के बीच विवाद से संघ की स्थिति बिगड़ गई, जिसके बाद अब छह सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है।