जहां कैंडिडेट्स के इंटरव्यू इंसान के बजाय रोबॉट ले रहे हैं. विडियो इंटरव्यू में एल्गोरिदम की मदद से लोगों के चेहरे के हाव-भाव पढ़े जा रहे हैं. आवाज की टोन से पता लगाया जा रहा है कि उनमें आत्मविश्वास है या नहीं? और क्या वे खुश हैं? हर लेवल की हायरिंग के लिए कंपनियों में रोबॉटिक विडियो असेसमेंट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
राजकमल वेंपति जो एक्सिस बैंक के एचआर हेड ने बताया कि बैंक ने इस साल 40 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स में से दो हजार कस्टमर सर्विस ऑफिसर्स की भर्ती के लिए एप्टिट्यूड टेस्ट के साथ एल्गोरिदम वाले विडियो इंटरव्यू की मदद ली थी. माइक्रोसॉफ्ट के फेस-इंडेक्सिंग सॉफ्टवेयर को एक्सिस बैंक में 2017 में अप्लाई करने वाले करीब 50 हजार कैंडिडेट्स पर आजमाया था. सॉफ्टवेयर ने घबराहट और खुशी जैसे भावों को लोगों की आंखों की मूवमेंट, हाव-भाव और आवाज की टोन से समझा था. कैंडिडेट को नंबर उसी हिसाब से मिले थे. इंश्योरेंस कंपनी बजाज आलियांज के चीफ एचआर ऑफिसर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि कंपनी ने रोबॉटिक इंटरव्यू से 1,600 से अधिक भर्तियां की हैं. इनमें अंडरराइटर से लेकर असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट तक की पोस्ट के लोग शामिल हैं. इससे हायरिंग प्रोसेस में पक्षपात को कम करने में मदद मिलती है. बेंगलुरु की टैलव्यू इस सॉफ्टवेयर का असेसमेंट करती है.
सिंगापुर और अमेरिका में ऑपरेट करने वाली इस कंपनी के चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर राजीव मेनन ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम से सोर्स किया गया यह सॉफ्टवेयर हाव-भाव से गुस्सा और खुशी जैसे भाव, आवाज से कॉन्फिडेंस और टेक्स्ट से टीम के साथ काम करने और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन कर सकता है. मेनन ने बताया कि कैंडिडेट आम इंटरव्यू में सवालों का मनचाहा जवाब दे सकते हैं, लेकिन विडियो असेसमेंट में भाव और शब्दावली पर ध्यान दिया जाता है. सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुनील अब्राहम ने बताया, ‘अगर आप एक इंसान को मूर्ख बना सकते हैं, तो कंप्यूटर को भी मूर्ख बना सकते हैं.’ अब्राहम ने कहा कि ऐसे सॉफ्टवेयर लोगों को खास तरह से व्यवहार करने पर मजबूर कर ‘इमोशनल इकनॉमी को एक जैसा बना सकते हैं.’ अक्टूबर 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि एमेजॉन ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड हायरिंग सिस्टम को बंद कर दिया था. उन्होंने पाया था कि यह सिस्टम महिलाओं के प्रति पूर्वग्रह दिखाता था. उसकी वजह यह थी कि सिस्टम पुराने डेटा के आधार पर काम कर रहा था,