केरल समाज का ओणम 31 अगस्त को, नहीं होंगे सामूहिक आयोजन

अयिप्पा मंदिर से 10 गरीबों को दी मदद जाएगी।  गाजेबाजे के साथ राजा बलि के स्वागत में होने वाला गीत संगीत का सामूहिक आयोजन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नहीं होगा। घरों में समाज के लोग फूलों की रंगोली बनाकर राजा बलि का स्वागत कर पकवान बनाएंगे।

31 अगस्त को होने वाले केरल समाज के इस सबसे बड़े यह त्योहार को लेकर घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। लखनऊ केरला समाजम के अध्यक्ष जेंसन जेम्स ने बताया कि 31 को यह पर्व मनाया जाएगा, लेकिन सामूहिक आयोजन नहीं होंगे। केरला समाज के लोग रंगोली सजाएंगे, पकवान बनाएंगे और पाताल से धरती पर आने वाले राजा बलि का स्वागत करेंगे। सुख समृद्धि के लिए पूजन करेंगे। हर साल ओणम के कुछ दिनों बाद समाज की ओर से ओणम सांस्कृतिक समारोह और सामूहिक भोज समारोह गोमती नगर में मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार सामूहिक समारोह का आयोजन नहीं होगा।

गोमतीनगर के अयियप्पा मंदिर के अध्यक्ष जर्नादन नंबियार ने बताया 10 गरीबों को उपहार देकर विशेष अनुष्ठान होता है।  ओणम माना जाता है कि केरल के राजा, राजा बलि थे। उनकी प्रजा अत्यंत सुखी और खुशहाल थी। किसी भी तरह की कोई समस्या उन्हें नहीं थी। केरल समाज के जेंसन जेम्स ने बताया कि राजा बलि महादानी थे। तीनों लोक उनके कब्जे में थे। इसी दौरान भगवान विष्णु वामन का अवतार लेकर आए थे। उन्होंने राजा बलि से तीन पग में जमीन मांगी थी। तीन पग में उन्होंने राजा बलि से उनका राज्य ले लिया था। साथ ही उनका उद्धार भी कर दिया। माना जाता है कि हर वर्ष राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने और देखने आते हैं और इसी उपलक्ष्य में ओणम का पर्व मनाया जाता है। ओणम के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और अलग-अलग तरह के भोजन बनाते हैं। राजा बलि को यह सब अर्पित किया जाता है। ओणम को केवल राजा बलि के आने की खुशी में ही नहीं बल्कि नई फसल आने की खुशी में भी मनाया जाता है।

 

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