केंद्र सरकार की कथित “मजदूर विरोधी नीतियों” के खिलाफ 10 केंद्रीय मजदूर संघों की बुलाई 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के दौरान राज्य में मंगलवार को ट्रेनों को रोका गया और बसें और ऑटो रिक्शा के सड़कों से नदारद रहने के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया. इस दो दिवसीय हड़ताल का विभिन्न क्षेत्र के कर्मचारियों ने समर्थन किया है. तिरुवनंतपुरम, त्रिपुनिथुरा और शोरनुर रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया.
‘भारतीय मजदूर संघ’ के अलावा सभी मजदूर संघ हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. रजस्वला आयुवर्ग की दो महिलाओं के सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने के बाद दक्षिणपंथी समूहों के बुलाए गए बंद के पांच दिन बाद यह हड़ताल की जा रही है. सबरीमला मंदिर के श्रद्धालु हड़ताल से प्रभावित ना हों इसलिए केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) विभिन्न स्थानों से पम्बा के लिए बसें चला रही है.
हालांकि केएसआरटीसी की बसें अन्य मार्गों पर नहीं चल रही हैं. राज्य में कई स्थानों पर दुकानें खुली रहीं. मजदूर संघों ने इस बात का आश्वासन दिया है कि वे दुकानें बंद करने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाएंगे और ना ही व्यापारियों को निशाना बनाया जाएगा. बंद का आह्वान करने से पहले ‘केरल व्यापारी व्यावसायी एकोपना समिति’ ने कहा था कि वे अपने व्यावसायिक संस्थापन खुले रखेगा.
बता दें केरल के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. जहां सड़कों से बस सेवा बंद रही तो वहीं रिक्शा, ऑटो भी देखने को नहीं मिले. वहीं, कुछ हिस्सों में उपद्रव की छिटपुट घटनाएं हुई. उत्तर 24 परगना जिले में बारासात के चंपाडाली इलाके में एक स्कूल बस पर पथराव किया गया और हड़ताल समर्थकों ने एक सरकारी बस में भी तोड़फोड़ की.
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