केरल: कांग्रेस विधायक बालाकृष्णन समेत तीन के खिलाफ केस

सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने आरोप लगाया कि बालाकृष्णन से जुड़े एक सहकारी बैंक नौकरी घोटाले ने दोनों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया।

कांग्रेस विधायक आईसी बालाकृष्णन और तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन पर वायनाड जिले के अपने ही पार्टी सदस्य एनएस विजयन को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि विजयन और उनके बेटे की मौत के संबंध में एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा जोड़ी गई है। अधिकारी ने यह भी बताया कि बालाकृष्णन, वायनाड डीसीसी अध्यक्ष एन डी अप्पाचन समेत तीन अन्य लोगों को इस मामले में आरोपी भी बनाया गया है। बता दें कि सुसाइड नोट में भी इन तीनों का नाम शामिल था।

अधिकारी ने कहा, “विजयन के सुसाइड नोट के आधार पर ही कार्रवाई की गई है।” 78 वर्षीय विजयन वायनाड जिला कांग्रेस समिति के कोषाध्यक्ष थे। उनका 38 वर्षीय बेटा जिजेश ने आत्महत्या की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें कोझिकोड सरकारी मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 27 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।

घटना पर बवाल शुरू
इस घटना ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया। सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने आरोप लगाया कि बालाकृष्णन से जुड़े एक सहकारी बैंक नौकरी घोटाले ने दोनों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि पार्टी पदाधिकारी के रूप में विजयन ने कथित तौर पर बालाकृष्णन के निर्देशन में कांग्रेस-नियंत्रित सहकारी बैंक में नौकरी चाहने वाले व्यक्तियों से पैसे लिए थे।

अधिकारी ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विजयन ने उन्हें कभी नहीं बताया कि क्या हो रहा था और अब उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि नोट में उनके नाम का उल्लेख किया गया। बालाकृष्णन ने कहा, “मैंने कभी किसी से पैसे नहीं लिए। मेरे पास बहुत अधिक संपत्ति नहीं है। मैंने एक ईमानदार जिंदगी जी है। मैं कानूनी तौर पर मामले का सामना करूंगा। मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।” उन्होंने आगे बताया कि पार्टी विजयन के परिवार के समर्थन में है।

मामले की आंतरिक जांच करेगी पार्टी
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि कानून अपना काम कर सकता है और पार्टी इसके खिलाफ नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि पार्टी इस मामले की आंतरिक जांच भी करेगी। सतीसन ने कहा, “यह हमारा अधिकार है, हमें जानना होगा कि वास्तव में क्या हुआ और क्या आरोप सही हैं। पार्टी की जांच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।” तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इसका पुलिस जांच से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसलिए कानून को अपना काम करने दें। हमने एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ कुछ नहीं कहा है।”

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