
इससे पहले हुई एक बैठक में दिल्ली सरकार ने कहा था, कि सभी सरकारी स्कूलों की बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान सरकार ही करेगी। लेकिन अब कैबिनेट बैठक में तय यह हुआ है कि एनडीएमसी और दिल्ली छावनी द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रों के बोर्ड परीक्षा शुल्क का भी भुगतान किया जाएगा।
कुछ महीने पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षा के करीब 3.14 लाख छात्रों का सीबीएसई परीक्षा शुल्क दिल्ली सरकार देगी। कहा गया था कि यह सुविधा दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ अनुदान प्राप्त और पत्राचार विद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगी। इसके लिए सरकार को हर साल 57 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
अधिकारियों ने कहा था कि दिल्ली सरकार की योजना के तहत गृह परीक्षा का पूरा खर्च शिक्षा निदेशालय वहन करता है। इससे अभिभावकों पर बोझ नहीं पड़ता। दिल्ली सरकार सीबीएसई को इसका भुगतान शिक्षा निदेशालय के जरिए करेगी। योजना मौजूदा सत्र 2019-20 से लागू होगी। तब ये लाभ पाने वालों में 10वीं के 1,79,914 और बारहवीं के 1,33,802 विद्यार्थी थे। जाहिर है अब ये संख्या और बढ़ेगी।
हर बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी मेरी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले 3.14 लाख विद्यार्थियों का सीबीएसई परीक्षा शुल्क सरकार देगी। पैसों के अभाव में किसी भी बच्चे की पढ़ाई हम रुकने नहीं देंगे। दिल्ली के हर बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी अब मेरी है।
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