देश में दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि यह एक बहुत जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है, शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्न के लिखित जवाब में इस बात की जानकारी पशुपालन एवं डेरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालयान ने दी। 

पशुपालन एवं डेरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालयान ने राज्यसभा को लिखित जवाब में कहा कि देश में दूध की कीमतों को नियंत्रित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और यह विभाग का काम नहीं है। दूध के दाम सहकारी और निजी डेयरियों की तरफ से उत्पादन लागत के आधार पर तय किए जाते हैं। दूध एक जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है, इसलिए देश में दूध के लिए एमएसपी तय करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

उन्होंने कहा कि दूध के उत्पादन में देश आगे आया है, क्योंकि दूध का उत्पादन हर साल बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान उत्पादन 176.35 मिलियन टन था। ऊंटनी के दूध के सवाल के बारे में एक अलग जवाब में संजीव बालयान ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकारों और राज्य डेयरी सहकारी समितियों की ओर से ऊंटनी के दूध के लिए डेयरी स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं मिला है। गुजरात सहकारी दूध मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) जो अमूल कंपनी का मालिक भी है, उन्हें 2014-15 से 2017-18 के दौरान ऊंटनी के दूध कलेक्शन, चिलिंग और प्रोसेसिंग के लिए केंद्रीय योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना योजना के तहत 2.65 करोड़ रुपये मिले।