केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर दिल्ली के सीएम और आप अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्ट अधिकारियों को जबरदस्ती रिटायर करना चाहते हैं. सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक की. वहीं सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ भी शनिवार को इस मामले पर विचार विमर्श किया.

सीएम केजरीवाल ने सभी कैबिनेट सदस्यों को अपने-अपने विभागों में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिए हैं, जिससे उन्हें जबरन सेवानिवृत्त किया जा सके. यह सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को रिटायर करने की केंद्र सरकार की पहल के अनुसार ही होगा.
केजरीवाल सरकार का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी दिल्ली के लोगों के लिए बनाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को तबाह कर देते हैं और जनता के हक के पैसों से अपनी जेबें भरते हैं. दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा है कि गत साढ़े चार वर्षों के दौरान दिल्ली सरकार की नज़र में ऐसे कई अधिकारी आए, जिन्होंने जनता के हित की लोक कल्याणकारी नीतियों की खिलाफत की और दिल्ली के लोगों के हितों को नुकसान पहुंचाया है.
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