कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अब अमेठी में ही अपना अशियाना बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री सोमवार को दोपहर 12 बजे गौरीगंज तहसील के उप निबंधक कार्यालय में अपने आवास के लिए भूमि का बैनामा करवाया। स्मृति ईरानी ने कहा कि अब अमेठी का सांसद अब अमेठी वालों के साथ रहेगा, जल्द ही गांव वालों के साथ मिलकर भूमि पूजन करवाया जाएगा।
यहां ली गई जमीन
बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने रकबा 136 एयर, गौरीगंज मेदन मवई में फूलमती की जमीन ली है। इसकी कीमत 12 लाख छह हजार है स्मृति ईरानी ने 12 लाख 11 हजार रुपये रजिस्ट्री के लिए दिए हैं। गवाह के तौर पर फूलमती का बेटा गया प्रसाद पांडेय और जान सिंह मौजूद रहे। वहीं 50,800 रजिस्ट्री स्टांप लगे हैं।
जिला मुख्यालय गौरीगंज के करीब ही सांसद के स्थाई आवास के लिए भूमि पसंंद की गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुकाबले अमेठी में जीत दर्ज करने वाली स्मृति वैसे तो यहां आम चुनाव 2014 में आने के बाद से लगातार सक्रिय रहीं। हार के बाद भी उन्होंने अमेठी से अपना नाता नहीं तोड़ा तो अमेठी ने भी उन्हें दीदी के रूप में स्वीकार किया और आम चुनाव 2019 में अपना सांसद चुना। इसके बाद तिलोई के एक कार्यक्रम में स्मृति ने मंच से ही अमेठी में अपने लिए आवास बनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि अब अमेठी का सांसद अपनों के साथ अपनों के बीच रहेगा। तब से लगातार आवास के लिए जमीन की तलाश हो रही है। कई जगह आवास के लिए जमीन देखी भी गई पर अब आवास के लिए उपयुक्त जमीन मिल गई है। सोमवार को स्मृति ईरानी अपनी इस घोषणा को पूरा करेंगी। भूमि का बैनामा होने के साथ ही आवास का निर्माण शुरू होगा।
अभी किराए पर ले रखा है मकान
गौरतलब है कि आम चुनाव 2019 के पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ने गौरीगंज के जामो रोड पर कलेक्ट्रेट के करीब एक मकान किराए पर ले रखा था। बाद उन्होंने उसी मकान को आवास के साथ सांसद का कैंप कार्यालय भी बनाया गया। सांसद बनने के बाद स्मृति ने अमेठी में किसी गेस्ट हाउस के बजाय अपने इसी आवास पर रुकती हैं और यहीं उनका कैंप कार्यालय भी चलता है।
जल्द शुरू होगा निर्माण
स्मृति ईरानी के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने कहा कि दीदी स्मृति जो कहती हैं। वह करती हैं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में अपने लिए आवास बनाने की बात कही थी जो अब जल्द ही पूरा होगा। दीदी हमेशा अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के बीच रहना चाहती हैं।