केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने फिर प्रयागराज में डेरा डाल दिया है। ललित वर्मा हत्याकांड समेत कई मामलों की पूरी तफ्तीश करनी है। सीबीआइ इस बार लंबे समय तक ठहरकर जांच को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करेगी। शायद इसी इरादे से सीबीआइ ने कैंप कार्यालय भी बनाया है जहां लोगों से पूछताछ की जाएगी।
पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में ठहरी सीबीआइ टीम, बना कैंप कार्यालय
सीबीआइ टीम को पुलिस लाइन के सरस्वती गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। एक एएसपी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने गेस्ट हाउस को कैंप कार्यालय में तब्दील कर दिया है। बाहर सीबीआइ कैंप कार्यालय का बोर्ड भी लगा दिया गया है। पिछली दो बार भी सीबीआइ टीम ने इसी गेस्ट हाउस में ठहरकर ललित वर्मा की हत्या की जांच की थी।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज देवरिया जेल कांड की भी जांच करेगी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस बार सीबीआइ तकरीबन एक माह तक ठहर सकती है। सीबीआइ को ललित वर्मा हत्याकांड के साथ ही अहमदाबाद जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज देवरिया जेल कांड की भी जांच पूरी करनी है। साकेत नगर धूमनगंज के ललित वर्मा की तीन फरवरी 2016 को सिविल लाइंस में हुए कत्ल में पूर्व विधायक पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने तीन महीने पहले नया मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
ललित वर्मा हत्याकांड में पूर्व विधायक पक्ष के लोगों का बयान दर्ज करना है
देवरिया जेल में लखनऊ के बिल्डर को बंधक बनाकर पीटने की घटना में भी जांच, खनन घोटाले की तफ्तीश व ललित वर्मा हत्याकांड में पूर्व विधायक पक्ष के लोगों का बयान दर्ज करना है। 25 जनवरी 2005 को हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की जांच के बाद पुलिस ने कुछ माह पहले लखनऊ की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।