कुवैत के मंगाफ शहर में एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लग गई। यह घटना बुधवार सुबह हुई है। इस घटना में अब तक 42 भारतीयों की मौत हो गई है। इस भीषण अग्निकांड में कुल मिलाकर 49 विदेशी कामगार के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। इस बीच सभी भारतीयों की मौत में दो केरल निवासी बताए जा रहे हैं।
लुकोस 18 साल से कुवैत में एनबीटीसी कंपनी में सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे। वे अपने पीछे पत्नी शाइनी और दो बच्चों लिडिया और लोइस को छोड़ गए हैं। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि उन्होंने उनसे कहा था कि वे अगले हफ्ते घर आएंगे। एक अन्य मृतक, साजन जॉर्ज, एम.टेक स्नातक, कोल्लम के पुनालुर का निवासी था। वह एक महीने पहले नौकरी मिलने के बाद कुवैत गया था। वह वहां जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में काम करता था।
घायलों का कुवैत के पांच सरकारी अस्पतालों में चल रहा इलाज
वहीं, विदेश मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में एक श्रमिक आवास सुविधा में आग लगने की दुखद घटना में लगभग 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। घायलों का कुवैत के पांच सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इससे पहले, केरल के कोल्लम जिले के सूराणाड गांव के रहने वाले 30 वर्षीय शमीर की पहचान इस त्रासदी में मारे गए लोगों में हुई थी।
अधिकतर लोग केरल और दक्षिण भारत के अन्य भागों से
इस विनाशकारी आग में घायल हुए भारतीयों की सहायता का निरीक्षण करने तथा मारे गए लोगों के पार्थिव शरीरों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए कुवैत रवाना होने से पहले, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि कुछ शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। वर्धन ने कहा, “बाकी स्थिति तब स्पष्ट हो जाएगी जब हम वहां पहुंचेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “अधिकतर लोग केरल और दक्षिण भारत के अन्य भागों से हैं तथा उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है…” कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “जब तक हमारी जरूरत होगी हम वहां रहेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर जताया दुख
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत शहर में आग दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं घटना के पीड़ितों के परिवार और करीबी रिश्तेदारों के साथ हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर से बचाव कार्यों के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया।