हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हैदराबाद के एक विश्वविद्यालय ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा का क्षेत्रीय केंद्र बनाने की बात कही है, जिसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में विश्व की भाषाओं का एक केंद्र कुरुक्षेत्र विवि में खुलेगा और विश्वविद्यालय में गीता का भी केंद्र है, जिसके माध्यम से हम दुनिया के कई देशों को एक प्लेटफॉर्म पर जोड़कर गीता के संदेश को दुनिया में पहुंचा सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को कुरुक्षेत्र विवि में तीन दिनी अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी के शुभारंभ पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि धर्मनगरी से की गई पहल के बाद आज कई देशों में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं दर्जनभर देश ऐसे हैं जो हमें अपने यहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन करने का निमंत्रण दे रहे हैं। गीता केवल एक पुस्तक या ग्रंथ मात्र नहीं है, बल्कि ये जीवन का सार है। गीता सार्वभौमिक व सर्वकालिक है। आज भी गीता की सार्थकता उतनी ही है, जितनी उस समय थी। विश्व को सुखी बनाने के लिए, शांति के रास्ते पर ले जाने के लिए गीता का संदेश आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि आज के समय में जब आपसी समझ देशों में बनेगी तो विश्व एक इकाई के रूप में शांति की ओर आगे बढ़ेगा, इसके लिए गीता से बड़ा कोई साधन नहीं है। गीता के माध्यम से हम दुनिया को दिशा दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन युद्ध के समय भी संवाद का दृष्टिकोण विश्व के सामने रखा, जिसकी सभी ने सराहना की।
उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि परस्पर संवाद से ही निकलेगा। इस दौरान राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। अतिथियों ने स्मारिका का भी विमोचन किया, जिसमें 448 शोधपत्र संकलित किए गए हैं। इस मौके पर असम के सांस्कृतिक राज्य मंत्री बिमल बोरा, सांसद नायब सिंह सैनी, राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह, असम के मुख्य सचिव पवन कुमार बोरठाकुर, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा भी मौजूद रहे।