अमेरिका ने पश्चिम एशिया में दूसरा विमानवाहक पोत भेज दिया है। उसने ईरान के साथ दूसरे दौर की वार्ता से पहले यह कदम उठाया है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दोनों पक्षों में शनिवार को ओमान की राजधानी मस्कट में पहले दौर की वार्ता हुई। वार्ता सकारात्मक बताई गई थी। अब वाशिंगटन और तेहरान के बीच दूसरे दौर की वार्ता रोम में हो सकती है।
अरब सागर में तैनात अमेरिकी विमानवाहक पोत
अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन को अरब सागर में तैनात किया गया है। इस क्षेत्र में पहले से ही यूएसएस ट्रूमैन तैनात है। इस क्षेत्र में अमेरिकी सेना यमन में ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों को निशाना बना रही है।
ईरान पर दबाव बनाना चाहता है अमेरिका
अमेरिका के इस कदम को ईरान पर दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा है। मस्कट में पहले दौर की वार्ता के बाद अमेरिका और ईरान के बीच दूसरे दौर की वार्ता को लेकर सहमति बनी थी। यह संभावना है कि दोनों पक्षो में 19 अप्रैल को फिर वार्ता हो सकती है। ओमान लंबे समय से पश्चिमी देशों और ईरान के बीच मध्यस्थता कर रहा है।
ईरान के सर्वोच्च नेता ने वार्ता का किया समर्थन
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने वार्ता का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका के साथ पहले दौर की वार्ता अच्छी रही। उन्होंने ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता पर पहली बार सार्वजनिक टिप्पणी में यह बात कही।
खामनेई की यह टिप्पणी अब तक की वार्ता के प्रति उनकी सहमति दर्शाती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम वार्ता के बारे में न तो पूरी तरह आशावादी हैं और न ही पूरी तरह निराशावादी हैं।
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