कुंभ मेले के दौरान उद्यान विभाग ने शहर के चौराहों पर गमले रखकर संगम नगरी की शोभा बढ़ाई थी। हालांकि देखरेख के अभाव में गमलों के पौधे सूख गए, जिन्हें चंद्रशेखर आजाद पार्क में रख दिया गया। यहां भी पौधों का भला नहीं हुआ क्योंकि देखभाल और अनुरक्षण में दिक्कत थी। अब पौधे व पेड़ लगे इन गमलों को सरकारी कार्यालयों को देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विभागों से सूची मांगी जाएगी कि उन्हें कितने गमलों की आवश्यकता है।
19 सौ गमलों के पौधे सूख गए, काफी गमले भी टूटे
कुंभ मेले के दौरान उद्यान विभाग ने कुल 3950 गमले खरीदे थे। एक-एक गमले पर 2750 रुपये खर्च हुए थे। आजाद पार्क में रखने के बावजूद 19 सौ गमलों के पौधे सूख गए, जबकि काफी गमले टूट भी गए। बाकी गमलों को सुरक्षित रखने के लिए उद्यान विभाग लगातार कवायद कर रहा है। ताकि गमलों में लगे पौधों में नियमित रूप से पानी डाला जा सके। इधर, अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा हुआ कि कुंभ खत्म होने के बाद अप्रैल तक ज्यादातर गमले बदहाल हो गए।
एक नजर इधर भी
– 01-01 गमले पर खर्च किए गए थे 2750 रुपये
– 02 हजार गमले रखे हैैं चंद्रशेखर आजाद पार्क में
– 3950 गमले कुंभ मेले के दौरान खरीदे गए थे तैयार
जिम्मेदारी तय होती तो नहीं होते खराब…
चौराहों पर पेड़ लगे गमले रखने के बाद जिला प्रशासन ने इसके लिए जिम्मेदारी तय की होती तो शायद पेड़ खराब न होते और गमले टूटते भी नहीं। इसके लिए सिर्फ इतना करना था कि जिन चौराहों पर गमले रखे गए, वहां आसपास के प्रमुख लोगों को इनकी देखभाल के लिए कह दिया जाता।
बोले उप निदेशक उद्यान
उप निदेशक उद्यान विनीत कुमार कहते हैं कि आजाद पार्क में दो हजार से अधिक गमले रखे हुए हैं। अब इनको सरकारी विभाग को देने की योजना है। अभी जो कार्ययोजना बनाई गई है, उसके अनुसार एक-एक विभाग को 50-50 गमले दिए जाएंगे।