मंडी कानून में संशोधन समेत कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर रविवार को संसद की अंतिम मुहर लग सकती है। लोकसभा से पारित इन विधेयकों को राज्यसभा में रविवार को सुबह सबसे पहले लगाया गया है। जाहिर है कि सरकार इसे पारित करवाएगी और नंबर गेम में भारी सरकार को ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी। पर उससे ज्यादा रोचक यह देखना होगा कि राजनीतिक विवाद में उलझे इस मुद्दे पर विपक्ष कितनी एकजुट हो पाती है। माना यह जा रहा है कि विपक्ष या फिर निरपेक्ष खेमे में खड़े दलों को कांग्रेस साधने की हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन कई हाथ नहीं आ रहे।
यूं तो लोकसभा में भी सत्तापक्ष का खेमा नंबर गेम में मजबूत हो गया है लेकिन यहां कई छोटे छोटे दलों का रुख अहम होता है। यही कारण है कि लोकसभा में वोटिंग से पहले वाकआउट कर चुकी कांग्रेस राज्यसभा में आखिरी मौके तक जमीनी आकलन करेगी।
सरकार की जीत होगी लेकिन वोटिंग सांकेतिक होने के आसार
सूत्रों के अनुसार अगर लगेगा कि वोटिंग टक्कर की हो सकती है तो खासकर अकाली दल को हाशिए पर लाने के लिए वोटिंग पर अड़ेगी। हालांकि विपक्ष भी यह मान रहा है कि सरकार की जीत होगी लेकिन वोटिंग सांकेतिक होगी।
गौरतलब है कि 243 संख्या वाले राज्यसभा में ऐसे दलों की सदस्य संख्या 125 के आसपास है जो समर्थन करेंगे। वहीं विपक्ष में खड़ी शिवसेना ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि वह विरोध तो करेगी लेकिन वोट नहीं करेगी।
तृणमूल कांग्रेस का रुख भी कुछ ऐसा ही है जिसके पास 13 सदस्य हैं। ऐसे में महज 40 सीटों पर अटकी कांग्रेस वक्त के अनुसार फैसला करेगी। फिलहाल जो स्थिति नजर आ रही है उसमें संभव है कि वोटिंग की नौबत ही न आए तो लोकसभा की तरह ही ध्वनिमत से विधेयकों को हरी झंडी मिल जाए।