किसानों के दिल्ली कूच का आज तीसरा दिन है। फसलों के लिए MSP की गारंटी सहित बाकी मांगें पूरी कराने के लिए वह हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यहां हरियाणा पुलिस ने 7 लेयर की बैरिकेडिंग और आंसू गैस के गोले छोड़कर 3 दिन से किसानों को रोका हुआ है। उधर, आंदोलन को खत्म करवाने के लिए आज फिर 3 केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मीटिंग करेंगे। दोनों पक्षों के बीच ये तीसरी मीटिंग होगी।
भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने आज पंजाब के 6 जिलों में दोपहर 12 से 4 बजे तक ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) के प्रमुख गुरनाम चढ़ूनी ने भी आज 11 बजे अपने समर्थकों की इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है।
देश के दुश्मनों जैसा किसानों से व्यवहार
संयुक्त किसान मोर्चा के बाद किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने किसानों का समर्थन करते हुए उनकी मांगों को जायज बताया है। इसके साथ ही चढ़ूनी ने कहा कि किसानों के साथ देश के दुश्मन सैनिकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। ये कोई पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं जो सरकार आंसू गैस के गोले और गोलियां चला रही है, वे पूरी तरह से पंजाब के किसानों के साथ हैं। इस मसले पर आज पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है।
हरियाणा-पंजाब के टोल आज फ्री
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए समर्थन किया है। इसके साथ ही किसानों पर प्रसाशन द्वारा किए जा रहे बल प्रयोग की निंदा की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने जालंधर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि आज 12 से दोपहर 3 बजे तक हरियाणा और पंजाब के सभी टोल प्लाजों पर किसान बैठेंगे। इस दौरान सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे। अगर सरकार अभी भी ना मानी तो 18 फरवरी को दोबारा बैठक कर अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
किसानों की मांगें
आंदोलनकारी किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि कर्ज माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को बहाल करने और 2021 में हुए आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे हैं।