कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को रुद्रपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। आज दोपहर करीब डेढ़ बजे भाकियू नेता राकेश टिकैत भी महापंचायत में पहुंचे।
यहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया। कहा कि किसान आंदोलन का मकसद किसी सरकार को गिराना या सरकार बनाना नहीं है। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार का अमेरिका के साथ मिलकर चाइना को टक्कर देने का खेल चल रहा है। कहा कि इसी के तहत लेबर कानूनों में भी संशोधन किया जा रहा है।
राकेश टिकैत ने कहा है कि विलेज टूरिज्म पालिसी पर काम करने से पहाड़ और उत्तराखंड का किसान बचेगा। पहाड़ पर किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें बहुत दिक्कतें हैं। फसल की एमएसपी तक नहीं मिल पाती। खासकर सब्जी, फल और मोटे अनाज का उचित दाम नहीं मिलता। यही वजह है कि पहाड़ों से लगातार पलायन हो रहा है।
इस दौरान पंजाबी गायिका रूपीन्द्र हांडा ने प्रस्तुति दी। पंजाबी गीत सुनाकर उन्होंने अपना समर्थन दिया। किसान महापंचायत में पहाड़ी संस्कृति की झलक दिखाई दी। यहां उत्तराखंड के पारंपरिक छोलिया नृत्य के साथ किसान पहुंचे। वहीं श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर श्रमिक ढोल-नगाड़े लेकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ मोदी मैदान में किसानों का समर्थन देने पहुंचे।
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का दावा था कि महापंचायत में एक लाख से अधिक किसान पहुंच सकते हैं। लेकिन यहां 25 हजार से ज्यादा किसान पहुंचे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून के विरोध में पूरे देश में चल रहे किसान महापंचायतों के मद्देनजर उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी एक मार्च को किसान संगठनों द्वारा किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है। महापंचायत में देहरादून जिले के पछवादून से सैकड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं। इसको लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष संजय किशोर ने एक प्रेसवार्ता की।
उन्होंने कार्यकर्ताओं और किसानों से इस बार पंचायत में भागीदारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार कृषि कानून लागू किए गए हैं, वे असंवैधानिक हैं। केंद्र सरकार द्वारा हिटलरशाही दिखाकर इतने बड़े किसान आंदोलन को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज देश के करोड़ों किसान सड़कों पर हैं।
पूरे देश में महापंचायत आयोजित की जा रही हैं, लेकिन घमंड में चूर चंद उद्योगपतियों की सरकार आज देश के अन्नदाता की जायज बात को सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित रुद्रपुर की महापंचायत में पछवादून से सैकड़ों लोग भागीदारी करेंगे। इस अवसर पर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष शम्मी प्रकाश, प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रेम प्रकाश अग्रवाल, पूर्व सभासद बलजीत सिंह और क्षेत्र पंचायत सदस्य नितिन वर्मा उपस्थित रहे।
अनिश्चितकालीन धरने के चौथे दिन धरनास्थल पर रात दिन दो बुजुर्गों को रविवार को किसान आंदोलनकारियों ने बागड़िया पहनाकर सम्मानित किया। इन दोनों व्यक्तियों ने प्रतिज्ञा ली कि जब तक किसान आंदोलन नहीं जीतेंगे, तब तक वे यहां से जाने वाले नहीं हैं। सम्मानित होेने वालों में जगबीर सिंह बालियान और दौलत सिंह हैं।
मोदी मैदान में हो रही किसान महापंचायत में काफी संख्या में किसान पहुंचे हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। यहां पुलिस एवं पीएससी बल तैनात किए गए हैं। इस महापंचायत में रामपुर, बरेली, मुरादाबाद, बाजपुर, सितारगंज, हल्द्वानी, काशीपुर, गदरपुर, खटीमा, रुद्रपुर सहित अन्य स्थानों से किसान पहुंचे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि महापंचायत को लेकर किसानों में उत्साह है। सरकार को नए कृषि कानूनों को जल्द वापस लेना चाहिए। महापंचायत में बाजपुर के 20 गांवों की 58.38 एकड़ भूमि का मुद्दा भी उठाया जाएगा। तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि महापंचायत शाम तीन बजे तक चलेगी।
महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, डॉ. दर्शन पाल सिंह, आशीष मित्तल के साथ ही पंजाबी गायक सोनिया मान, रूपिंदर हांडा और हैरी धनोवा शामिल हुए हैं।
किसान महापंचायत किच्छा रोड स्थित मैदान में होगी। इस बीच किच्छा बाईपास रोड डायवर्ट है। किच्छा से आने वाले वाहन इंदिरा चौक की ओर से आ रहे हैं। वहीं, डीडी चौक से आने वाले वाहन इंदिरा चौक पर जाकर हाईवे से गुजर रहे हैं। एसएसपी डीएस कुंवर ने बताया कि महापंचायत में पांच सीओ, 17 एसओ, एचओ, 36 एसआई, तीन कंपनी पीएसी, 250 कांस्टेबल और 50 महिला कांस्टेबल मौजूद हैं।