मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल तक प्रदेश के उत्तरी जिलों में तेज हवाएं, हल्की बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। बाकी जिलों में अंधड़ व आंशिक बादलवाही होगी। ऐसे में दो दिन तक किसानों की फसल भीगने का डर बना रहेगा।
जिसका डर था, वहीं हुआ। सरकार की अव्यवस्था व प्रशासन की लापरवाही से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। शुक्रवार शाम हरियाणा के 11 जिलों रोहतक, जींद, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर, फरीदाबाद, हिसार व पानीपत में बूंदाबांदी हुई। इससे इन जिलों में मंडियों में खुले में पड़ा लाखों टन गेहूं भीग गया।
इसके अलावा, भिवानी, सिरसा व एनसीआर के कुछ जिलों में शाम को तेज हवाएं चलीं जिससे इन जिलों में मौसम बिगड़ गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल तक प्रदेश के उत्तरी जिलों में तेज हवाएं, हल्की बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। बाकी जिलों में अंधड़ व आंशिक बादलवाही होगी। ऐसे में दो दिन तक किसानों की फसल भीगने का डर बना रहेगा। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए शुक्रवार शाम को किसानों ने फसल को तिरपालों से ढंकना शुरू कर दिया।
दूसरी तरफ बारिश से मंडियों में प्रबंधों की फिर पोल खुली। रोहतक की मंडी में गेहूं बारिश के पानी के साथ बहने लगा। जींद में तिरपाल कम पड़ गईं। यहां गेहूं से भरी बोरियों को चादरों से ढका गया। करनाल के मुनक में भी उठान में देरी के कारण एजेंसियों की तरफ से खरीदी गई फसल भीग गई। अंबाला के गांव सम्भालखा और मुलाना इलाके में बारिश के साथ ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। कैथल में खुले में रखे गेहूं के ढाई लाख बोरे भीग गए।
खरीद होगी प्रभावित
गेहूं भीगने से इसमें नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। इससे खरीद प्रभावित होगी। धीमी उठान के कारण हरियाणा की मंडियां पहले ही गेहूं से अटी पड़ीं हैं। राज्य की 417 मंडियों में अभी तक सिर्फ 25.59 फीसदी गेहूं की ही उठान हो पाई है। शुक्रवार रात हरियाणा की मंडियों में 44 लाख 37 हजार 165 लाख मीट्रिक टन पहुंचा। अब तक सरकार ने 37.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से सिर्फ 11 लाख मीट्रिक टन की उठान अब तक हो पाई है। मंडियों में उठान नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
मंत्री बोले-उठान तेज की जाएगी
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा उठान कार्य जारी है। एक दो दिन में उठान को और तेज किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उठान पर फोकस करें और किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।
विपक्ष का आरोप, मंडियों में उचित प्रबंध नहीं
सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि गेहूं खरीद को लेकर सरकार के प्रबंध धरे के धरे रह गए हैं। खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। न तिरपाल का कोई प्रबंध है और न ही उठान की ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है। एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद में अभी तक प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आधी ही आवक हुई है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार दिखावे के लिए ही किसानों की बात करती है। उठान समय पर न होने के कारण कई मंडियों में शेड और खाली जमीन पर फसल रखने की जगह तक नहीं बची और आवक लगातार जारी है।
सड़कों पर पेड़ गिरे
शुक्रवार शाम को कई जिलों में आंधी चलने से पेड़ भी गिर गए। कैथल-करनाल रोड व कैथल-पटियाला स्टेट हाइवे पर पेड़ गिरने से रास्ता अवरुद्ध हो गया।
दावा : दो लाख किसानों की फसल खरीदी
हरियाणा सरकार के मुताबिक, अब तक 2 लाख से अधिक किसानों से गेहूं की खरीद की जा चुकी है। करीब 1,400 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे भेजी जा चुकी है। पिछले साल 17 अप्रैल तक लगभग 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। मंडियों में गेहूं के अलावा सरसों की भी खरीद की जा रही है। 16 अप्रैल तक 4.93 लाख मिट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है और 3.40 लाख मिट्रिक टन उठान भी हो चुका है।
हिसार में आफत बनकर आया अंधड़, 100 से ज्यादा एकड़ में गेहूं व फाने जलकर राख
हिसार में शुक्रवार शाम को आया अंधड़ आफत लेकर आया। इस कारण से जिले में जगह-जगह खेतों में हुई आग लगने की घटनाओं में 100 एकड़ से ज्यादा में गेहूं की फसल व फाने जलकर राख हो गए। इसके अलावा बिजली के खंभों व तार के टूटने से बिजली व्यवस्था भी बाधित हुई। साथ ही काफी पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा।
एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बावजूद जिले में सुबह से मौसम साफ रहा और दिन भर तेज चमकीली धूप खिली रही। इस दौरान दिन के तापमान में 2.9 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई और बालसमंद में यह 43.7 डिग्री रहा, जो प्रदेश में सर्वाधिक रहा। वहीं हिसार शहर में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री दर्ज किया गया ,जो सामान्य से 5.8 डिग्री ज्यादा रहा। शाम करीब 7 बजे मौसम बदला और 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज धूल भरी आंधी चलनी शुरू हो गई। इस अंधड़ से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। अंधड़ के बाद मौसम ठंडा हो गया।
दर्जन भर जगहों पर गेहूं की फसल व फानों में लगी आग
वहीं अंधड़ के दौरान जिले में करीब दर्जन भर जगहों पर गेहूं की फसल व फानों में आग लगने की घटनाएं हुईं। रात 10 बजे ये सभी घटनाएं हुईं, जिस कारण दमकल कर्मचारियों को काफी भाग दौड़ करनी पड़ी। दमकल विभाग के अनुसार जिले के गांव मय्यड़ में दो जगह, मिर्जापुर, किरतान, खारिया, अग्रोहा, बुगाना व सरसौद आदि में गेहूं की फसल व फानों में आग लगने की सूचनाएं मिलीं। गांव सीसवाला में आग लगने से 30 एकड़ में फसल जलकर राख हो गई। सूचना पाकर सीसवाला, किरतान, रावलवास खुर्द और खारिया के सैकड़ों ग्रामीण ट्रैक्टर और टैंकर लेकर पहुंचे।
ग्रामीणों ने दमकल गाड़ी पहुंचने से पहले आग पर काबू पा लिया। आदमपुर गांव में करीब 5 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गई। देखते ही देखते आग ने आसपास के खेतों की फसल को भी चपेट में ले लिया। आग लगने की सूचना मिलने पर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। मामले की कुछ ही देर में आदमपुर पुलिस के कर्मचारी, अग्निशमन विभाग की 2 गाडिय़ां, मार्केट कमेटी व तहसील कर्मचारी मौके पर पहुंचे। करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
नारनौंद उपमंडल के गांव माजरा प्याऊ में थुराना रोड पर स्थित खेतों में आग लग गई। ग्रामीणों ने आग की सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी। किसानों ने ट्रैक्टरों से जुताई कर और स्प्रे पंप से पानी डालकर आग को रोकने का प्रयास किया। जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक रामदेवा के करीब 6 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो चुकी थी।
तेज अधंड के कारण लगे बिजली कट, पोल भी टूटे
तेज अधंड के कारण पोल व तारों के टूटने से काफी जगहों पर बिजली व्यवस्था बाधित हुई। इन्हें दुरुस्त करने के लिए रात भर बिजली निगम की टीमें विभिन्न क्षेत्रों में दौड़ती रहीं। बिजली निगम के एसई ओमबीर ने बताया कि हमारी टीमें रिपोर्ट जुटा रही है कि कहां कितने खंभे टूटे हैं।