सरस्वती पूजन पर काशी की 1300 साल प्राचीन परंपरा टूटने की आशंका बनी है। पहली बार वसंत पंचमी पर काशी की जनता को सरस्वती फाटक स्थित माता सरस्वती के विग्रह के दर्शन नहीं होने के आसार हैं।
सरस्वती मंदिर परिवार के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा ने बताया कि काशी में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा 1300 साल पुरानी है। उस समय से वसंत पंचमी पर दर्शन पूजन की परंपरा अनवरत चली आ रही है। वसंत पंचमी के दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप सरस्वती फाटक पर स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों का भोर से लेकर देर रात्रि तक तांता लगा रहता था।
काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के दौरान सरस्वती फाटक को हटा दिया गया और विग्रह को मंदिर प्रशासन ने सुरक्षित रखवा दिया है। अभी तक माता सरस्वती के दर्शन-पूजन को लेकर मंदिर प्रशासन की तरफ से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने काशी की जनता से वादा किया था कि विश्वनाथ धाम में सरस्वती फाटक पर ही मां सरस्वती का भव्य मंदिर निर्माण होगा और आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना होगी। फिलहाल विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है लेकिन सरस्वती फाटक स्थित मां सरस्वती मंदिर निर्माण का खाका अभी तक नहीं खींचा गया है।