वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोड शो के लिए मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहुंच चुकी हैं। 10 हजार बाइकर्स के साथ उनका यह मेगा रोड शो शुरू हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष का यह रोड शो, अम्बेडकर प्रतिमा पार्क से कमलापति त्रिपाठी प्रतिमा पार्क तक होगा, जहां कांग्रेस अध्यक्ष लोगों को संबोधित करेंगी।
रोड शो में राज बब्बर और शीला दीक्षित भी होंगे मौजूद
सोनिया के आगमन को लेकर वाराणसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी जोश देखा जा रहा है। जैसे ही सोनिया गांधी वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचीं कार्यकर्ताओं को जोश में डांस करते देखा गया। कांग्रेस अध्यक्ष का ये रोड शो अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान का आगाज है। सोनिया के स्वागत के लिए वाराणसी में जोरदार तैयारियां की गई हैं। एयरपोर्ट से सर्किट हाउस तक भी रोड शो का प्रदर्शन होगा।
रोड शो और चुनावी रैली के दौरान सोनिया गांधी के साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित भी मौजूद हैं। इनके अलावा यूपी के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी सोनिया के साथ मौजूद रहे। आजाद राज्यसभा में कांग्रेस के नेता भी है।
ऐसा रहेगा सोनिया गांधी का कार्यक्रम
सुबह 11.00 बजे – वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर सोनिया गांधी का आगमन, जहां से उन्हें सर्किट हाउस ले जाया जाएगा।
दोपहर 01.15 बजे – सर्किट हाउस के सामने आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण। इसके साथ ही रोड शो की शुरुआत होगी, 8 किलोमीटर लंबा रोड शो होगा। सर्किट हाउस, कचेहरी, गोलघर, वरुणा पुल, ताज होटल, नदेसर, आंध्रा पुल, चौक घाट, पीली कोठी, विश्वेश्वर गंज, मैदागिन, हरिशचंद्र कॉलेज, लहुराबीर, कबीर चौहरा, मलदहिया, कैंट पर जाकर रोड की समाप्ति होगी. शाम 3.30 बजे रोड शो का अंत होगा
शाम 3.30 बजे – कमलापति त्रिपाठी की मूर्ति पर माल्यार्पण, इसके बाद सर्किट हाउस में वापसी
शाम 05:45 बजे – काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन
शाम 6:30 बजे – मीडिया से बातचीत
कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत को लेकर यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का कहना है, ‘यूपी पहले से ही कांग्रेस मुक्त है। कोई भी रोड शो कांग्रेस की सत्ता वापसी में मदद नहीं कर सकती है।’
गौरतलब है कि यूपी में 21 पर्सेंट मतदाता दलित है और कांग्रेस गुजरात में दलितों पर हुए अत्याचार की घटना को भूनाकर यूपी में दलित समुदाय के वोटों को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। वहीं भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक (ब्राह्मण और उच्च जाति) के साथ दलितों और पिछली जातियों को अपनी तरफ लाने की कोशिश में हैं।