कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का स्नान आज है। गंगा में डुबकी लगाने के लिए देश के कईं जगहों से श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे हैं। यह स्नान वर्ष का अंतिम स्नान पर्व है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मुसल योग और भरणी नक्षत्र में हो रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है।
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा वर्ष के सबसे तेज प्रकाश से चमकते हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से चंद्रमा से हो रही अमृतवृष्टि का लाभ स्नानार्थियों को मिलता है। भरणी नक्षत्र को पूर्णिमा के लिए पवित्र नक्षत्र माना गया है। हर की पैडी आदि गंगा घाटों पर गंगा का यह स्नान तड़के चार बजे से प्रारंभ हो गया।
जहां तक उदयकाल पूर्णिमा का सवाल है, स्नान पूरे दिन होगा। यद्यपि पूर्णिमा तिथि सोमवार की सायंकाल ही लग चुकी है जो आज पूर्णिमा सूर्यास्त के बाद तक बनी रहेगी। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने के लिए देश के पर्वतीय भागों, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से खासी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है।
वर्ष के स्नानों का यह सिलसिला इस स्नान के साथ संपन्न हो जाएगा। अब अगला स्नान पर्व नए वर्ष में मकर संक्रांति पर पड़ेगा। सोमवार को ही गुरुनानक देव महाराज का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।